सिविल अस्पताल में सीएसआर मद से लगेगी सीटी स्कैन की मशीन

सिविल अस्पताल में सीएसआर मद से लगेगी सीटी स्कैन की मशीन
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मरीजों को होगा लाभ, जांच के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान

ग्वालियर । सिविल अस्पताल हजीरा को सह जिला अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद से ही यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार बिस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर के प्रयासों से अब जल्द ही अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को सीटी स्कैन की जांच सुविधा भी मिलने लगेगी। इसके लिए वजट भी स्वीकृत हो चुका है।

दरअसल हजीरा क्षेत्र की एक बड़ी आबादी का हिस्सा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सिविल अस्पताल के भरोसे रहता है और प्रतिदिन ओपीडी में एक हजार तक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। वहीं कोरोना संक्रमण के दौरान जब सीटी स्कैन मशीन की जरूरत महसूस हुई तो ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर के निर्देश पर सीटी स्कैन मशीन लगाने का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया था। प्रस्ताव पर शासन ने स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। इसलिए अब जल्द ही अस्पताल में सीएसआर मद से सीटी स्कैन की मशीन स्थापित की जाएगी। इसके अलावा मशीन को संचालित करने के लिए संचालक, कर्मचारी व अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। हालांकि सीटी स्कैन की जांच सुविधा के लिए शुल्क कितना निर्धारित किया जाएगा। यह निर्णय मशीन स्थापित होने के बाद भी लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मशीन स्थापित करने के लिए जगह चिंहित कर ली है। अगले एक माह में मशीन स्थापित कर मरीजों को सीटी स्कैन की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगा।

जिला अस्पताल व जयारोग्य में लगाने पड़ते हैं चक्कर

सिविल अस्पताल में पहुंचने वाले कई मरीजों को चिकित्सक द्वारा सीटी स्कैन की जांच लिखी जाती है। लेकिन अस्पताल में सुविधा न होने के कारण मरीजों को जिला अस्पताल या जयारोग्य चिकित्सालय में परेशान होना पड़ता है। लेकिन अब अस्पताल में मशीन स्थापित होने से मरीजों का काफी परेशानी कम होगी।

डायलेसिस यूनिट का भी होगा विस्तार

सिविल अस्पताल की डायलेसिस यूनिट का भी बिस्तर किया जाएगा। अस्पताल में वर्तमान में दो डायलेसिस मशीन हैं। जबकि डायलेसिस कराने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। इसलिए अस्पताल में अतिरिक्त अन्य दो मशीनें भी जल्द अस्पताल में शुरू की जाएंगी। जिसके बाद मरीजों को डायलेसिस के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।

सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। एक माह में मशीन स्थापित कर ली जाएगी। जिसके बाद मरीजों को जांच के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

डॉ. आर.के. राजौरिया

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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