बारिश शुरू होते ही छलक जाएंगे बांध, तिघरा की कुल क्षमता 740 फुट
- लीकेज रोकने बनाई 17 करोड़ की योजना
- बांधों से छोड़ा पानी सहेजा तो बढ़ेगा जलस्तर
अंचल के बाद 70 प्रतिशत बांध भरे हैं, इस बार अच्छी बारिश के आसार
ग्वालियर,न.सं.। कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान पानी की खपत कम होने से अंचल के अधिकांश बांध 70 प्रतिशत तक भरे नजर आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 15 जून से मानसून का समय भी शुरू हो गया है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार इस बार अंचल में 103 प्रतिशत बारिश होने के आसार हैं।अगर मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई तो मानसून के दस्तक देते ही झमाझम बारिश होने से अंचल के सभी बांध शीघ्र ही लबालब हो जाएंगे।
इस हालत में बांधों से पानी छोडऩे के लिए गेट खोले जाएंगे अगर बांधों छोड़ा पानी बेकार बहने की जगह सहेजा गया तो, एक ओर जहां भूजल स्तर पड़ेगा वहीं गर्मियों के मौसम में लोगों को पेयजल संकट का मना नहीं करना पड़ेगा। जिले में स्थित तिघरा जलाशय, पेहसारी, अपर ककैटो, ककैटो जैसे बांधो का जल स्तर 70 प्रतिशत से अधिक है। गर्मियों के मौसम में खाली हो जाने वाला तिघरा जलाशय भी इस समय लबालब नजर आ रहा है। बारिश के मौसम में शहर की सीमा में स्थित वीरपुर और हनुमान बांंध में भी अच्छा खासा पानी जमा हो जाता है। अंचल में बारिश करीब 75 दिन होती है! ऐसे में अगर शुरू के दिनों में ही झमाझम बारिश होती है तो सभी बांध लबालब हो जाएंगे और बांधों से पानी छोडऩे के लिए उनके गेट खोलना पडेंग़े। तिघरा बांध को भरने के लिए अपर ककैटो, ककैटो और पेहसारी बांध से पानी लाया जाता है। लेकिन वर्तमान में अभी ये बांध 50 से 60 प्रतिशत भरे हुए है।
लीकेज रोकने बनाई 17 करोड़ की योजना
जल संसाधन विभाग 17 करोड़ रुपए की लागत से लीकेज रोकने के कार्य कराएगा। इसके लिए तिघरा बांध के दोनों ओर नई दीवार बनाने सहित अन्य विकल्पों पर विचार चल रहा है। लीकेज रोकने के बाद इसे 740 फीट तक भरा जाने लगेगा, जिससे इसमें 210 एमसीएफटी पानी बढ़ जाएगा। यह शहर को 1 माह अतिरिक्त पानी दे सकेगा।
नहरों के जरिए जुड़ा है बांधों का पूरा नेटवर्क
श्योपुर जिले में अपर ककैटो बांध है, इस बांध के अंदर जो भी पानी स्टोर किया जाता है इसे पार्वती नदी में छोड़ दिया जाता है। पार्वती नदी के माध्यम से यह पानी ककैटो बांध में पहुंचता है। ककैटो बांध से नहर के जरिए यह पानी पेहसारी बांध में पहुंचता है। वहीं पेहसारी से नहर में पानी छोड़ा जाता है। यह नहर आगे जाकर सांक नदी में पहुंचता है। सांक नदी के जरिए यह पानी तिघरा में पहुंचता है।
फैक्ट फाइल
वर्ष कितनी बार खुले गेट एमसीएफटी
2008 4 बार
2010 1 बार
2011 6 बार
2012 14 बार
2013 4 बार
2018 4 बार
2019 6 बार
बांध लेवल क्षमता
तिघरा 740 फुट (फुल)
अपर ककैटो 1213.60 (फुल)
ककैटो 1124.60 फुट
पेहसारी 1097 फुट
इनका कहना है
ग्वालियर चंबल संभाग मध्य भारत में आता है। 20 जून तक मानसून दस्तक देगा। इस बार 103 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है।
डीपी दुबे, मुख्य मौसम वैज्ञानिक सेवानिवृत्त भोपाल
वर्तमान में तिघरा बांध का जलस्तर 730.50 पर बना हुआ है। बारिश अगर अच्छी होती है, तो सितम्बर तक ही बांध के गेट खोले जाते है। लीकेज के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है।
संतोष तिवारी, कार्यपालन यंत्री, जलसंसाधन विभाग