Saurabh Sharma case: पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के रिश्तेदार विनय हासवानी की संदिग्ध संपत्ति, वकील होते हुए लाखों की कमाई पर गहरी जांच
Saurabh Sharma case
Saurabh Sharma News: ग्वालियर। पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के रिश्तेदार विनय हासवानी की संदिग्ध आय का खुलासा हुआ है। विनय ( पेशे से वकील) ग्वालियर में केके अरोरा के साथ मिलकर अवैध लेन-देन और काले धन के सौदों में शामिल थे। प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में केके अरोरा के घर पर छापा मारा था। अब यह सामने आया है कि विनय भी उनके साझीदार थे। फिलहाल विनय फरार है और उसकी भूमिका की जांच जारी है।
पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के 81 महीने के सेवा काल के दौरान विनय हासवानी ने बड़े पैमाने पर लाखों रुपये के नगद लेन-देन और करोड़ों की संपत्ति के सौदों में भाग लिया। इन सौदों में आय का कोई स्पष्ट स्त्रोत नहीं बताया गया है। वकील के रूप में कार्य करते हुए विनय ने इतनी बड़ी संपत्ति कैसे अर्जित की। यह एक गंभीर जांच का विषय बन चुका है।
विनय हासवानी की संदिग्ध आय
सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया था और जांच एजेंसियां सक्रिय हो गईं। प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रहा है। हाल ही में सौरभ शर्मा नाटकीय तरीके से भोपाल पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सौरभ के वकील ने कोर्ट में सरेंडर की याचिका दायर की थी लेकिन इससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही सौरभ और उसके परिवार से जुड़ी संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए लोकायुक्त ने पंजीयन विभाग को पत्र लिखा है।
विनय हासवानी की संपत्ति की जांच की मांग शिकायतकर्ता संकेत साहू ने की है। जांच अधिकारियों का मानना है कि सौरभ शर्मा ने अपनी काली कमाई को अपने जीजा विनय की मदद से छुपाने की कोशिश की। अब विनय की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
विनय हासवानी के संदिग्ध सौदों और नकद लेन-देन की जानकारी
विनय हासवानी ने विभिन्न सौदों के माध्यम से बड़ी रकम का नकद भुगतान किया है। इनमें से एक सौदा 2020 में हिमांशु श्रीवास्तव को 4 लाख रुपये का था जिसमें 11 अगस्त 2020 को 2 लाख रुपये बैंक ट्रांसफर किए गए थे। इसके अलावा मोहित गांधी को भी 4 लाख रुपये दिए गए थे।
2018 में विनय ने 35 लाख रुपये में एक संपत्ति खरीदी थी, जिसमें नगद भुगतान के रूप में 5 लाख रुपये और बाद में लाखों रुपये दिए गए। इस संपत्ति का विवाद हुआ और विनय ने 1,50,100 रुपये का न्यायालय शुल्क भी भरा। इसके अलावा 2018 से 2022 तक विनय हासवानी ने भूमि सौदों में लगातार लाखों रुपये नकद में चुकाए जिससे उसकी वित्तीय गतिविधियों की जांच की जा रही है।