दीपावली के अंतिम रविवार को बाजारों में उमड़ा खरीदारों का सैलाब -

दीपावली के अंतिम रविवार को बाजारों में उमड़ा खरीदारों का सैलाब    -
X
करोड़ों का हुआ व्यापार, नक्षत्रों ने बढ़ाई रौनक

ग्वालियर, न.सं.। दीपावली के लिए बाजार सजकर तैयार हो चुके हैं और लोगों द्वारा जमकर खरीदारी की जा रही है। दीपावली के अंतिम रविवार और रवि पुष्य नक्षत्र होने के कारण महाराज बाड़ा से लगे क्षेत्रों टोपी बाजार, नजरबाग मार्केट, सुभाष मार्केट, सराफा बाजार, माधौगंज एवं दौलतगंज में खरीदारों का सैलाब उमड़ पड़ा और लोगों ने जमकर अपनी पसंदीदा सामान व ज्वेलरी की खरीदारी की। महाराज बाड़ा क्षेत्र में हालत यह थी कि यहां पर चलना तक मुश्किल हो रहा था। दुकानों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ थी। रविवार के दिन बाजारों में करोड़ों रुपए का कारोबार हुआ है। अब व्यापारियों को धनतेरस पर अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है। इसके साथ ही बाजारों में रविवार को कोरोना गाइडलाइन का पालन होता हुआ दिखाई नहीं दिया।

आगामी 14 नवबंर शनिवार को दीपावली का त्यौहार है। दीपावली को मात्र छह दिन शेष बचे हुए हैं। इससे पहले 13 नवंबर को धनतेरस का त्यौहार है। धनतेरस को लेकर व्यापारियों में काफी उत्साह देखेन को मिल रहा है। बाजारों को भी दुल्हन की तरह सजाया हुआ है। ग्राहकों को लुभाने के लिए सोना, चांदी व इलेक्ट्रोनिक्स उपकरणों पर जमकर ऑफर व डिस्काउंट दिए जा रहे हैं।

दुल्हन की तरह सजा टोपी बाजार

पिछले कई वर्षों से टोपी बाजार को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। टोपी बाजार व्यापारी संगठन के ऋषि कपूर ने बताया कि टोपी बाजार को इस बार भी पहले की तरह सजाया जाएगा। टोपी बाजार में जगह-जगह लाइटिंग रंग-बिरंगी लाइटिंग भी की जाएगी। वहीं कोरोना को ध्यान में रखते हुए सेल्फी प्वाइंट नहीं बनाए गए हैं। वाहनों की पार्किंग भी टोपी बाजार से बाहर ही रहेगी।

पांच ग्रहों का बन रहा दुर्लभ संयोग

दीपावली का त्यौहार धनतेरस के दिन से आरंभ हो जाता है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली यानि नरक चौदस होती है। उसके अगले दिन यानि कार्तिक पूर्णिमा अमावस्या तिथि को लक्ष्मी पूजन होता है लेकिन इस बार दोनों दीपावली यानि छोटी और महालक्ष्मी पूजन एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस बार ग्रह नक्षत्रों की चाल के कारण बरसों बाद दीपावली पर दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस 12 नवंबर रात 9.30 से प्रारंभ होकर 13 नवंबर अर्ध रात्रि तक रहेगी। उसके बाद 14 नवंबर सूर्योदय से नरक चतुर्थी तिथि दोपहर 2.18 बजे तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू होगी। अमावस्या तिथि दोपहर 2.18 से 14 नवंबर को प्रारंभ होकर अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 10.36 तक रहेगी। यानि अमावस्या 14 से शुरू होकर 15 तक रहेगी। ऐसे में 13 नवंबर को धनतेरस तथा दीपावली 14 नवबंर को मनाई जाएगी। 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी और अंतिम दिन 16 को भाई दूज के साथ चित्रगुप्त जयंती भी मनाई जाएगी। तिथियों के घटने व बढऩे के कारण दीपावली महापर्व 5 दिन के बजाय 4 दिन का रहेगा।

ऐसे समझें ग्रह-नक्षत्रों के दुर्लभ योग

14 नवंबर की शाम 7 बजे मंगल मीन राशि में रहकर अपनी सीधी चाल को चलेंगे। इसके साथ ही मंगल मीन राशि में रहकर कन्या राशि के शुक्र पर दृष्टि डालेंगे। साथ ही सूर्य बुध और चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। गुरु धनु राशि में व शनि मकर राशि में रहेंगे। इसके साथ ही 17 वर्ष बाद दीपावली पर सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। इससे पहले दीपावली पर ऐसा योग 9 नवंबर 1988 को बना था। उस समय भी सूर्य बुध चंद्रमा तुला राशि में थे। इन सब योगो की वजह से व्यापार श्रेष्ठ रहेगा तथा जातकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ इस दिन खरीदारी करना भी शुभ व फलदाई होगा।

खूब हुई खरीदारी

अंतिम रविवार के दिन लश्कर, ग्वालियर एवं मुरार के सराफा बाजार में त्यौहारी व सहालगी सीजन को देखते हुए लोगों ने सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी की। सराफा व्यापारियों ने सोना व चांदी के दाम अधिक होने के कारण कम वजनी गहनों को अधिक बेचा जिसमें चांदी के सिक्के, लक्ष्मी-गणेश व सरस्वती की मूर्ति, चांदी का नोट व चांदी के बर्तन बेचे गए। इलेक्ट्रोनिक्स बाजार में लोगों ने फ्रीज, वाशिंग मशीन, मोबाइल, लैपटॉप, गीजर आदि की खरीदारी की। व्यापारियों ने भी ग्राहकों को आकर्षक उपहार दिए। इसके साथ जीरो प्रतिशत ब्याज पर सामान की बिक्री की और अंतिम ईएमआई स्वयं के द्वारा भरने का ऑफर दिया। रविवार को कपड़ा, सजावटी व कॉस्मेटिक वस्तुओं की भी जमकर खरीदारी हुई है।

Tags

Next Story