जनता की सेवा में तत्पर डायल 100 को मदद की जरुरत

जनता की सेवा में तत्पर डायल 100 को मदद की जरुरत
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ग्वालियर जिले को मिली 45 गाड़ियों में से करीब 18 गाड़ियों की हालत बेहद ख़राब

ग्वालियर। ग्वालियर शहर में अपराधों पर नियंत्रण पाने एवं किसी घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित की तत्काल मदद करने के लिए तत्पर रहने वाली मप्र पुलिस की डायल 100 पीसीआर में चलाई जाने वाली गाड़ियां काफी बुरे हालात में शहर के कई क्षेत्रों व थानों में धूल खाती नजर आ रही हैं। समय रहते इन गाड़ियों की मरम्मत नहीं करयो गयी तो आने वाले समय में इनकी हालत और भी अधिक ख़राब हो जाएगी जिसके परिणाम स्वरुप इन गड़ियों का भविष्य अंधकार में जाता दिखाई दे रहा है।

सड़क किनारे ख़राब पड़ी डायल 100 FRV की गाड़ियाँ

जानकारी में आपको बता दें की मप्र में पुलिस विभाग के द्वारा अपराधों पर नियंत्रण करने, आपातकाल स्थिति एवं लोगों की घटना स्थल पर पहुंचकर मदद करने के लिए संपूर्ण मध्यप्रदेश में डायल100 की सेवा प्रारम्भ कर पुलिस मुख्यालय से 1000 पीसीआर गाड़ियों के लिए कुल 633 करोड़ रुपये की कीमत का टेंडर निकला गया था। निकले गए टेंडर में 45 गाड़ियां ग्वालियर जिले के लिए सन 2015 में स्वीकृत की गयी थीं। गाड़ियों के कुछ समय चलने के बाद ही इनकी मरम्मत एवं सर्विस समय पर न हो पाने के कारण धीरे धीरे करके इन सभी गाड़ियों की हालत जर्जर होती चली गई एवं ग्वालियर जिले को मिली 45 गाड़ियों में से करीब 18 गाड़ियों की हालत बेहद ही खस्ता हो चुकीं है। एवं करीब 24 गाड़ियां आज किराये के भरोसे चल रही हैं। इन गाड़ियों का बनाने के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय ने टेंडर निकालकर पुणे की बीवीजी नाम की एक फोर व्हीलर गाड़ियां बनाने वाली कंपनी को दिया था। बीवीजी कंपनी और भोपाल पुलिस मुख्यालय का कंपनी से यह एग्रीमेंट हुआ था कि 5 साल बाद नवंबर 2020 में पुरानी हो चुकी गाड़ियों को बदलकर नई गाड़ियां दी जाएंगी। लेकिन समय पूरा होने के बाद भी कंपनियों के द्वारा गाड़ियां बदलकर नहीं दी गई। तीन साल पहले उसका ठेका खत्म हो चुका है, लेकिन कोरोना की वजह से नए टेंडर नहीं हुए। अब टेंडर हुए तो जीबीके और बीबीजी कंपनी के लिए खींचतान हो गई। जानकारी में पता चला है कि डायल-100 का ठेका इस बार जीबीके कंपनी के खाते में गया है। लेकिन बीबीजी ने इस पर पेंच लगा दिया है। इसलिए नए स्तर पर डायल-100 की शुरूआत और सुधार का मामला फिर लटक गया है। बीवीजी कंपनी के द्वारा ख़राब हो चुकी गाड़ियों के बदले में 18 प्राइवेट गाड़ियों को डीजल और मासिक खर्च तय करके किराये पर लेकर पुलिस विभाग के द्वारा चलाया जा रहा है।


क्या कहना हैं इनके जिम्मेदार का

जानकारी लेने पर स्वदेश की टीम से डायल 100 फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (FRV) के जोनल हेड ऑफिसर दीपक भार्गव का कहना है की ग्वालियर शहर में कुल 45 थानों में से 30 गाड़ियां शहरी थानों में एवं 15 गाड़ियां देहात थाने में नियुक्त की गयी थी। उन्होंने बताया की 5 साल तक इन टाटा सफारी गाड़ियों का प्रोजेक्ट था लेकिन गाड़ियों को 7 साल से भी अधिक समय हो गया है। और जो गाड़ियां ख़राब हो गयी हैं उन्हें मरम्मत के लिए भेज दिया है। जो पुरानी गाड़ियां अब चलने की स्थिति में नहीं है और पूरी तरीके से खराब हो गई हैं हमने उसकी रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। एवं उनकी जगह पर किराये की बोलेरो गाड़ियों को सभी थानों में नियुक्त कर दिया गया है जो की ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली शिकायत के बाद 30 मिनट और शहरी क्षेत्रों से मिलने वाली शिकायतों के बाद 10 मिनट में मौके पर पहुंच जाती हैं। 8 वर्ष पहले इसकी शुरुआत प्रदेश में पुलिस घटना होने पर समय पर पहुंचे इसी उद्देश्य के साथ की गई थी।

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