रोशनी के पर्व दीपावली पर पटाखे चलाते समय बरतें सावधानी
ग्वालियर, न.सं.। रोशनी के पर्व दीपावली का त्यौहार ढेरो खुशियां लेकर आता है। लेकिन दीपावली के आनंद के जोश के साथ साथ कुछ खास एहतियात भी बरतनी चाहिए, जिससे कि अक्सर हर साल होने वाली कुछ दुर्घटना से बचा जा सके। दीपावली के समय ज्यादातर दुर्घटना लापरवाही और अज्ञान कि वजह से होते है। अगर हम ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी ले तो कई दुर्घटनाओ को टाला जा सकता है। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अक्षय निगम का कहना है कि पटाखों से जलने के बाद शरीर पर स्याही या कॉलगेट का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जलने के स्थान पर नल का पानी तब तक डालना चाहिए, जब तक जलन कम न हो जाए। जलने पर चूडिय़ां व अंगूठियां जल्दी से उतार देना चाहिए, क्योंकि सूजन आने के बाद ये चीजें नहीं उतरती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आंख में पटाखा या धुआं चले जाने पर रगडऩा नहीं चाहिए, आंख को दस मिनट तक पानी से धोना चाहिए। साथ ही पटाखों से निकलने वाला धुआं काफी हानिकारक होता है, इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। हृदय रोगियों को ज्यादा आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए, वहीं सांस की बीमारी वाले मरीजों को धुंए से परहेज करना चाहिए।
पटाखे जलाते समय बरतें यह सावधानी
- - पटाखे खुले मैदान में ही जलाएं।
- - रॉकेट हमेशा उपर की ओर ही छोड़े।
- - पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।
- - पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें।
- - पटाखों में आग दूर से ही लगाएं।
- - चिगारियां छोडऩे वाले पटाखों के पास नहीं जाएं।
- - पटाखें जलाते समय जूते पहने।
- - जो पटाखा न फूटे उसपर पानी या मिट्टी डाल दें।
- - छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें।
- - पटाखे जलाते समय बच्चो पर नजर रखे।
- - पटाखे रखने के लिए अच्छी और सुरक्षित जगह को चुने। गर्दी वाले जगह पर पटाखे न जलाए।
- - पटाखे छोटे बच्चो कि पहुच से दूर रखे।
- - बच्चे पटाखे हाथ में रखकर न फोड़े और न ही पटाखे जलाकर किसी के ऊपर फेंक दे।