पेयजल आपूर्ति व सीवर सिस्टम को भी कमांड सेंटर से जोड़ें – सांसद विवेक शेजवलकर
ग्वालियर। शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था एवं सीवर सिस्टम को स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर से जोड़ें, जिससे इन बुनियादी सुविधाओं की बेहतर ढंग से निगरानी हो सके और शहरवासियों की पेयजल व सीवर संबंधी समस्याएँ दूर की जा सकें। यह बात सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में संबंधित अधिकारियों से कही। श्री शेजवलकर की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी विशेष रूप से मौजूद थीं। उन्होंने जिले के विकास के संबंध में उपयोगी सुझाव दिए।
सांसद ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अधिकारियों के मार्गदर्शन में मुरार नदी के जीर्णोद्धार के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करें।साथ ही उन्होंने अमृत योजना के तहत केन्टोनमेंट क्षेत्र एवं शहर में शामिल हुए ग्रामीण क्षेत्र के नए वार्डों (वार्ड-61 से 66) में भी पेयजल एवं सीवर के काम कराने के लिए कहा।
नियमित रूप से पहुंचे कचरा वाहन -
शहर की हर बस्ती में कचरा संग्रहण के लिए नियमित रूप से वाहन पहुँचें। इसके लिए कचरा संग्रहण कंपनी एवं नगर निगम के वाहनों का युक्ति युक्तिकरण करें। साथ ही कंपनी की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि शहर में शासकीय योजनाओं के तहत बनाए गई पुरानी आवासीय इकाईयों (फ्लैट) की मरम्मत भी प्रमुखता से कराई जाए।उन्होंने जयेन्द्रगंज स्थित जीवाजीराव स्कूल को किसी दूसरी अच्छी जगह शिफ्ट कर उसके जर्जर भवन के स्थान पर स्मार्ट पार्किंग एवं अन्य कार्य कराने की योजना को मूर्तरूप देने के निर्देश दिए।
अवैध कॉलोनी विकसित करने वालों पर हो कार्रवाई -
सांसद ने कहा की अवैध कॉलोनियाँ विकसित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए एवं इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बिजली एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएं। उन्होंने खेती के लिये जल्द से जल्द बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। सांसद ने डबरा में जल्द से जल्द केन्द्रीय विद्यालय का काम शुरू कराने के लिए कहा। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत उद्यानिकी को बढ़ावा देने की बात भी कही।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कहीं भी कम क्षमता या निम्न गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर न रखे जाएँ। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही पर कार्रवाई की जायेगी। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से आगाह किया गया है।
तीन महीने में चालू कराएँ पेयजल योजनाएँ -
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान सांसद शेजवलकर ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि ग्रामीण अंचल की सभी 165 नल-जल योजनाओं को अगले तीन माह के भीतर सुचारू करें। उन्होंने कहा दिशा की अगली बैठक तक ये सभी योजनायें चालू हो जानी चाहिए।
जिले का प्रधानमंत्री आवास योजना का मॉडल प्रदेशभर में लागू होगा -
दिशा की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण की समीक्षा भी हुई। सांसद शेजवलकर ने शहर में इस योजना के तहत बनाए जा रहे बहुमंजिला आवासों के रख-रखाव की पुख्ता व्यवस्था करने को कहा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा ने बैठक में जानकारी दी कि ग्वालियर जिले के ग्रामीण अंचल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए आवास पूरे प्रदेश के लिये रोल मॉडल बने हैं। राज्य शासन ने इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण अंचल में समृद्ध पर्यावास कार्यक्रम से प्रधानमंत्री आवास योजना को जोड़ा गया है और हर योजना के हर हितग्राही को पक्के आवास के साथ-साथ 27 योजनाओ से लाभान्वित कराया गया है, जिसमें उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन, शौचालय, बिजली कनेक्शन इत्यादि सुविधाएँ शामिल हैं। साथ ही वृक्षारोपण के लिए भी सहायता दी गई है। जिले के ग्रामीण अंचल में इस योजना के तहत अब तक लगभग 9 हजार आवास बनाए जा चुके हैं।
स्मार्ट सिटी के कामों की भी हुई समीक्षा -
स्मार्ट सिटी विकास योजना के तहत हुए कार्यों की समीक्षा के दौरान सांसद शेजवलकर ने कहा कि दौलतगंज क्षेत्र में भी स्मार्ट पार्किंग बनाने का प्रावधान करें। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन संग्रहालय एवं तारामंडल का ग्वालियर के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे पर्यटक इसे देखने आएँ। स्मार्ट सिटी की सीईओ जयति सिंह ने बैठक मे जानकारी दी कि ग्वालियर में स्मार्ट सिटी द्वारा विशेष तकनीक से स्थापित किया जा रहा संग्रहालय व तारामंडल पूरे देश में अनूठा होगा। उन्होंने बताया महाराज बाड़ा स्थित ऐतिहासिक भवनों में फसाड लाइटिंग, एमएलबी कॉलेज, गजराराजा मेडीकल कॉलेज, एमएलबी कॉलेज एवं छत्रीमण्डी हॉकी स्टेडियम का निर्माण शामिल है।
उन्होंने बताया कि जीआरएमसी में 33 प्रकार की खेल विधा उपलब्ध कराई गई हैं। स्मार्ट सिटी के तहत पूर्व में हुए कार्यों एवं वर्तमान में निर्माणाधीन कार्यों के बारे में भी उन्होंने विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिसमें पुरानी बावड़ी एवं कुँओं का जीर्णोद्धार, स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना, शहर के चौराहों पर इंटेलीजेंस ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम, क्षेत्रीय आर्ट एवं क्राफ्ट डिजाइन सेंटर, ऐतिहासिक इमारतों की छत पर सौर ऊर्जा सिस्टम, स्मार्ट वॉशरूम, स्वर्ण रेखा पुल का सुदृढ़ीकरण, आईएसबीटी, इक्युवेशन सेंटर, केन्द्रीय पुस्तकालय का उन्नयन, कटोराताल का सौंदर्यीकरण, टाउन हॉल का जीर्णोद्धार इत्यादि काम शामिल हैं।