कर माफी मामले में बस ऑपरेटर और शासन आए आमने-सामने

कर माफी मामले में बस ऑपरेटर और शासन आए आमने-सामने
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पिछले 15 दिनों से थमे हैं बसों के पहिए, 50 हजार यात्री परेशान

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान टैक्स (कर) माफी मामले को लेकर ग्वालियर शहर सहित प्रदेश भर के बस ऑपरेटर और शासन आमने-सामने आ गए हैं। इस वजह से पिछले 15 दिनों से बसों के पहिए थमे हुए हैं। बस ऑपरेटर और शासन की लड़ाई में बेचारे यात्री पिस रहे हैं और अपने गंतव्य तक नहीं जा पा रहे हैं। वहीं शहर के 313 बस ऑपरेटरों ने अपने परमिट क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पहुँचकर सरेंडर कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 24 मार्च से देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया था, इसके बाद से बसों का चलना बंद हो गया । लॉकडाउन पांच में राहत देते हुए केन्द्र द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार एक जून से बसों का संचालन होना था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान बसों का टैक्स माफ करना एवं किराया दोगुना करने के बिना बस ऑपरेटर बसें चलाने को तैयार नहीं है। वहीं शासन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने और ले जाने के लिए बसों का उपयोग हुआ था और शासन की तरफ से बस मालिकों को भुगतान भी किया गया। फिर टैक्स माफी की बात कहां से आती है। अत: शासन किसी भी सूरत में बस ऑपरेटरों के सामने झुकने को तैयार नहीं है। वहीं बस ऑपरेटर भी बस नहीं चलाने का मन बना चुके हैं।

25 से 50 हजार यात्री परेशान:-

ग्वालियर शहर से आसपास के शहरों में प्रतिदिन चार से पांच हजार बसों का संचालन होता है। सामान्य दिनों में प्रतिदिन 50 हजार यात्री आवागमन करते हैं। वर्तमान में केन्द्र की गाइड लाइन के अनुसार अगर यात्रियों को ले जाया जाए तो 25 हजार यात्री परेशान हो रहे हैं। मजबूरी में यह लोग या तो अपने वाहनों से जा रह हैं या किराए की टैक्सी का उपयोग करके जा रहे हैं।

ड्रायवर और क्लीनर की हालत खराब:-

बसों के नहीं चलने से ड्रायवर और क्लीनर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इनके सामने अब अपना परिवार की चलाने की समस्या पैदा हो रही है। अगर जल्द ही इस समस्या का कोई निराकरण नहीं निकला तो समस्या और गंभीर हो सकती है।

'बस ऑपरेटरों की मांग को हमने शासन तक पहुँचा दिया है। सरकार का भी इस ओर ध्यान बना हुआ है। सरकार के निर्णय के बाद ही कुछ हो सकेगा।'

वी मधु कुमार

परिवहन आयुक्त

'जब तक शासन हमारी बात नहीं मानेगा हम बस नहीं चलाएंगे। हम सरकार को ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं।'

हेम सिंह यादव

उपाध्यक्ष, बस सर्विस यूनियन

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