जेल में बीड़ी, मोबाइल और आवास आवंटन लाखों के ठेके पर

जेल में बीड़ी, मोबाइल और आवास आवंटन लाखों के ठेके पर
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जिलाधीश और एसएसपी ने किया औचक निरीक्षण

ग्वालियर,न.सं.। केंद्रीय कारागार में बंदी और बंदियां से मिलाई के लिए आने वालों से जमकर लूट खसोट की जा रही है। यहां बीड़ी, मोबाइल, खानपान सहित आवास आवंटन एक तरह से ठेके पर दे दिया गया है। जिसमें जेल अधीक्षक के चहेते कर्मचारी मजे कर रहे हैं। हालांकि सोमवार को जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने जेल का औचक निरीक्षण किया लेकिन इस दौरान जेल में सब कुछ ठीक-ठाक पाया गया।

सूत्रों ने बताया कि जेल में मुख्य व्यवस्था में कुछ चहेते कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कायदे से यह व्यवस्था सात दिन तक रहती है और ड्यूटी बदल दी जाती हैं लेकिन चहेते कर्मचारियों को वसूली वाले पदों पर ड्यूटी लगाई गई है। उनकी ड्यूटी नहीं बदली जा रही। यहां सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपए कैदियों से वसूले जाते हैं। जानकारी मिली है कि एक बीड़ी के 10 रुपए तक वसूले जाते हैं। इसके लिए 3 लाख रुपए महीने का ठेका है। यह कार्य संदेश पुत्र बीरबल नामक आजीवन कैदी को दिया गया है। इसी तरह मोबाइल पर एक बार बात कराने के 10 से 20 रुपए तक लिए जाते हैं। इसका ठेका डेढ़ लाख रुपए में हरिपाल पुत्र सरनाम नामक आजीवन कैदी के पास है। कैदियों से मिलने आने वालों से 300 रुपए और मोबाइल जमा कराने के नाम पर 20 रुपए वसूले जाते हैं। यह काम दिलीप राजोरिया, नरेंद्र शर्मा उर्फ सट्टे व सुनील शर्मा को दिया गया है। केंटीन में भी जमकर वसूली का खेल है। यहां मनीष पुत्र यशपाल व राजेश की मनमानी चलती है। कैंटीन में किसी भी खाद्य सामग्री के 10 रुपए कीमत के बदले 100 रुपए वसूलना मामूली सी बात माना जाता है। और तो और जेल अधीक्षक के मुख्य अर्दली के रूप में धीर सिंह गुर्जर है जो एक तरह से जेल चला रहा है। नया कैदी आने पर यही सबकुछ तय करता है। पात्रता नहीं होने पर भी इसे परिसर में ही क्वाटर आवंटन कर दिया है। इसी तरह पात्रता नहीं होने पर मनोज दंडोतिया, राम नरेश दुबे, शिवमंगल, सूरज भदोरिया, अजय भदोरिया, संदीप शर्मा सहित कई ऐसे सिपाही हैं जिन्हें आवास मिला हुआ है। कायदे से वरिष्ठता के आधार पर आवास मिलना चाहिए।

एक बीड़ी मिलने पर किया निलंबित

जेल के ही एक मुख्य प्रहरी मुकेश गौड़ ड्यूटी के बाद बाहर निकल रहे थे तब उनके पास मात्र एक बीड़ी मिलने पर सिर्फ इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि मुख्य द्वार पर पदस्थ अशोक शर्मा ने उसकी तलाशी ली तो एट बीड़ी निकलने पर दोनों में मुंहवाद हो गया। फिर क्या था अशोक शर्मा ने जेल के भीतर रखे तमाम बीड़ी के बंडल लाकर पटक दिए।जिसका ठीकरा गौड़ पर फोड़ते हुए उसे निलंबित कर दिया गया।

गौशाला का दूध पहुंचता है डीएसपी के घर

यहां एक और मजेदार बात यह है कि जेल की गौशाला का दूध एट डीएसपी के यहां पहुंचाया जाता है। कायदे से इस दूध का उपयोग कैदियों को चाय आदि के लिए किया जाता है लेकिन जेल अधीक्षक के एक रिश्तेदार को प्रति दिन एक प्रहरी द्वारा कोतवाली थाना परिसर में एक डीएसपी के यहां दूध पहुंचाया जाता है।

इनका कहना

सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ सर्दी को देखते हुए केन्द्रीय कारागार का निरीक्षण किया था। जिसमें यह देखा गया कि कैदियों के पास कंबल आदि है या नही। जहां तक कैदियों और परिजनों से अलग अलग तरह से वसूली की जाती है तो इसके लिए जेल के भीतर और बाहर के सीसीटीव्ही फुटेज दिखवाकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

अक्षय कुमार सिंह

जिलाधीश

सोमवार को जिलाधीश एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जेल का औचक निरीक्षण किया था जिसमें उन्होंने कैदियों से हाल-चाल जाना और सब व्यवस्थाएं दुरुस्त पाईं। जहां तक कैदियों और उनके परिजनों से किसी भी तरह की वसूली की बात है तो ऐसा कुछ नहीं है। ड्यूटी के बारे में भी गलत जानकारी दी जा रही है।

विदित सरवैया

अधीक्षक केंद्रीय कारागार

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