संभागीय अयुक्त व जिलाधीश ने दी चेतावनी, प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर कोई कार्रवाई नहीं की जाए
ग्वालियर,न.सं.। बीते रोज निगमायुक्त द्वारा बिजली कंपनी के महाप्रबंधक के घ्र जेसीबी भेजने के मामले में बुधवार को जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह व संभागीय आयुक्त ने बिजली कंपनी व निगम अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई है। साथ ही चेतावनी दी है कि भविष्य में इस प्रकार की कोई गलती न हो। अगर कार्रवाई है तो पहले वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाए। प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाए। इससे विभागों की छवि धूमिल होती है।
यहां बता दे कि गत शनिवार को नगर निगम ने मोतीमहल में बिना अनुमति बन रहे बिजली कंपनी के 132 केवी उपकेंद्र का काम रोकने के लिए नोटिस जारी किया, तो मंगलवार की दोपहर बिजली कंपनी ने निगम पर साढ़े 12 करोड़ रुपए का बकाया बताकर जलालपुर स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन काट दिया था। शाम साढ़े छह बजे नगर निगम का मदाखलत अमला जेसीबी के साथ बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का घर तोडऩे के लिए पहुंच गया। ऐसे में रात आठ बजे के आसपास प्लांट का कनेक्शन जुड़वा दिया गया।
इस मामले की जानकारी भोपाल में बैठे अधिकारियों को लगी तो बुधवार को मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह व संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने दोनों विभागों के अधिकारियों को तलब किया। पूरे मामले को समझने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ कहा कि सरकारी कार्यों को समन्वय के साथ करें। प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर कोई कार्रवाई नहीं की जाए। इसके अलावा आवेश में कोई काम नहीं होना चाहिए। उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों को हिदायत दी कि बकाया बिल की वसूली जरूरी है, लेकिन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन काटने से जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता। ऐसे में ये कार्रवाई ठीक नहीं है। वहीं निगमायुक्त को भी सलाह दी कि आपको जेसीबी भेजना ठीक नहीं चाहिए।
इनका कहना है
दोनों अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें समझाइश दी गई है कि इस तरह की कार्रवाई करने से पहले वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करनी चाहिए। एक दम से जोश में आकर इस तरह की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
अक्षय कुमार सिंह
जिलाधीश