मप्र पेड न्यूज देने वाले नेताओं की खैर नहीं, चुनाव आयोग रखेगा नजर
ग्वालियर कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई एमसीएमसी समिति की बैठक
ग्वालियर। भारत निर्वाचन आयोग ने "पेड न्यूज'' पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। एमसीएमसी ही पेड न्यूज के संबंध में निर्णय लेगी। इसके लिये जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा पृथक से मीडिया सेंटर स्थापित किया गया है, जिसके जरिए 24 घण्टे इलेक्ट्रोनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया द्वारा प्रसारित होने वाली खबरों की गहन छानबीन की जायेगी। साथ ही प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर पैनी नजर रखी जायेगी। पेड न्यूज साबित होने पर इसके प्रकाशन पर हुआ खर्चा संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जायेगा।
यह जानकारी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मीडिया अनवीक्षण एवं प्रमाणन समिति (एमसीएमसी) की बैठक सह प्रशिक्षण में दी गई। कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में पेड न्यूज के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि पेड न्यूज साबित होने पर रिटर्निंग अधिकारी द्वारा संबंधित प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जायेगा। नोटिस के जवाब का एमसीएमसी पुन: परीक्षण करेगी और पेड न्यूज साबित होने पर उसका खर्चा प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा।
एमसीएमसी की पहली बैठक में यह भी बताया गया कि मूल स्क्रिप्ट सहित सम्पूर्ण चुनाव प्रचार सामग्री की बारीकी से जाँच करने के बाद ही इलेक्ट्रोनिक मीडिया से चुनावी प्रचार संबंधी कार्यक्रम व विज्ञापन पट्टियाँ प्रसारित करने की अनुमति दी जायेगी। इस जाँच में खासतौर पर यह देखा जायेगा कि इस प्रचार-प्रसार से आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हो रहा। इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर चुनाव-प्रचार संबंधी कार्यक्रम व क्लिपिंग इत्यादि प्रसारित करने के लिये पूर्व अनुमति लेनी होगी। इसके लिये राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को मूल स्क्रिप्ट सहित सम्पूर्ण प्रचार सामग्री की कैसेट दिखानी होगी।
बैठक में अपर कलेक्टर टीएन सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी एलके पाण्डेय, एमसीएमसी के सदस्यगण जावेद खान व समीर गर्ग, सदस्य सचिव एवं उप संचालक जनसंपर्क मधु सोलापुरकर, राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एसबी ओझा, सहायक जनसंपर्क अधिकारी हितेन्द्र सिंह भदौरिया व दूरदर्शन के प्रतिनिधि नवीन नायक सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।