विद्यार्थियों को देश की संस्कृति और सभ्यता से अवगत कराने में लापरवाही: स्कूलों में 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की गतिविधियां नहीं हुई, 120 लाख खर्च करना थे, 24 लाख ही हुए…

स्कूलों में एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की गतिविधियां नहीं हुई, 120 लाख खर्च करना थे, 24 लाख ही हुए…
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ग्वालियर। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में विद्यार्थियों को देश की संस्कृति से जोडऩे के लिए 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ गतिविधियां आयोजित करने के लिए कहा गया था, इसका पूरा शेड्यूल जारी किया था। इसके साथ ही इन कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए बजट भी मंजूर किया गया था।

अभियान के तहत हायर सेकंडरी और हाईस्कूल में प्रति स्कूल 1300 रुपए प्रति स्कूल के हिसाब से खर्च किया जाना था, इस तरह से प्रदेश भर के स्कूलों के लिए 120 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था, लेकिन स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन ही नहीं हुआ और इन आयोजनों पर तय बजट से कुल 24 लाख रुपए ही खर्च हो सके। अब इस पर समग्र शिक्षा अभियान सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से आपत्ति जताई गई है।

समग्र शिक्षा अभियान सेकेंडरी एजुकेशन, मप्र की अपर परियोजना संचालक मनीषा सेतिया ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के लिए सभी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रति स्कूल के हिसाब से 1300 रुपए की व्यय सीमा निर्धारित की गई थी, इस प्रकार पूरे प्रदेश में 120.38 लाख रुपए जारी किए गए थे। किंतु उसके विरुद्ध अब तक मात्र 24.68 लाख रुपए ही खर्च किए गए हैं।

यह स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए यह निर्देश दिए जाते हंैं कि एक भारत श्रेष्ठ भारत गतिविधियों के तहत निर्धारित मासिक गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाएं, इसके साथ ही दी गई राशि का उपयोग भी तत्काल सुनिश्चित कर लिया जाए।

राशि का उपयोग नहीं की तो प्राचार्य पर कार्रवाई :

यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी स्कूल ने इन गतिविधियों के लिए आवंटित राशि का उपयोग नहीं किया है तो प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ जिन स्कूलों में एक भारत श्रेष्ठ भारत की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, वह कलर फोटो सहित पूरी रिपोर्ट भेजेंगे।

यह गतिविधियां होना थीं :-

  • एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत स्कूलों में विद्यार्थियों को देश के विभिन्न राज्यों की भाषा और संस्कृति से अवगत कराने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित कराई जाना चाहिए थीं।
  • छात्रों को सहभागी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की भाषाओं में अक्षर, गीत, कहावत और 100 वाक्य बताए जाना थे। यह गतिविधि विद्यार्थियों की भाषाई क्षमता का विकास करने का लक्ष्य लेकर की गई थी।
  • अन्य प्रदेशों की भाषा में स्कूलों के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में कुछ पृष्ठों को सम्मिलित करना।
  • अन्य प्रदेशों की भाषा में छात्रों के बीच निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करना।
  • स्कूलों में जहां संभव हो सहभागी राज्यों भाषा सीखने के लिए वैकल्पिक कक्षाएं आयोजित करना।
  • प्रदेश की परंपरा, संस्कृति तथा इतिहास पर नाटक।
  • दीवार पत्रिका (थीम्ड डिस्प्ले बोर्ड) पर राज्य के ऐतिहासिक स्मारक, वेशभूषा, पेंटिंग, हस्तशिल्प, वर्णमाला मूल वाक्य दर्शाए जा सकते हैं।
  • सहभागी राज्य से संबंधित समाचार पढऩा एवं संभाषण करना।
  • सहभागी राज्य के विषय में सवाल-जवाब सत्र आयोजित करना।
  • सहभागी राज्यों के राज्य दिवस का उत्सव आयोजित करना।
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