भारत से हजारों मील दूर एक छोटा भारत है फिजी : अतुल तारे

भारत से हजारों मील दूर एक छोटा भारत है फिजी : अतुल तारे
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ग्वालियर गौरव अभिनंदन समारोह आयोजित

ग्वालियर/वेब डेस्क। यहां से हजारों मील दूर एक छोटा भारत फिजी है। फिजी दक्षिण प्रशांत महासागर में बसा एक छोटा सा देश है जो भारत की खुशबू लिए हुए है। भारतवंशियो का फिजी के निर्माण में अहम योगदान है। यही नहीं फिजी के मूल निवासी भी अपनी संस्कृति, सभ्यता के प्रति आस्थावान हैं।

यह बात स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे ने कही। मध्य भारत हिंदी साहित्य सभा ने रविवार को फिजी में विश्व हिंदी सम्मेलन से भाग लेकर लौटे अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराडकर और अतुल तारे के सम्मान में यह आयोजन किया था।


श्री तारे ने अपने अनुभव को सुनाते हुए कहा कि फिजी में फिजी के मूल निवासी एवं भारतवंशियो के बीच संबंध बेहद आत्मीय हंै। उन्होंने कहा कि 1879 में अंग्रेज अपने हित के लिए उत्तरप्रदेश से हजारों मजदूर फिजी ले गए। वह अपना सब कुछ छोड़कर फिजी गए पर अपने साथ रामचरित मानस और श्रीमद् भगवत गीता ले गए। इसलिए आज भी फिजी में 200 रामायण मंडलियां है। उन्होंने कहा कि हिंदी सम्मेलन की एक उपलब्धि यह रही कि फिजी की संसद में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला। वहीं 32 देशों के प्रतिनिधियों ने हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने का संकल्प भी पारित किया। श्री तारे ने बताया कि फिजी में जाति भेद नहीं है और लैंगिक समानता है। वहां की पुलिस के पास डंडा तक नहीं है। इसका मुख्य कारण वहां अुनशासन है। नौ लाख की जनसंख्या वाला फिजी देश संतुलित है जो हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश तोमर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मेें यात्रा के महत्व को सारगर्भित शब्दों में रेखांकित किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना सभा अध्यक्ष डॉ. कुमार संजीव ने रखी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रांत महामंत्री आशुतोष शर्मा का भी अभिनंदन किया गया। संचालन डॉ. करुणा सक्सेना और आभार डॉ. कुसुम भदौरिया ने व्यक्त किया।

- कार्यक्रम में जान्हवी नाईक ने साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराडकर के अभिनंदन पत्र का वाचन किया। श्री पराडकर अस्वस्थता के कारण उपस्थित नहीं हो सके।

- व्याप्ति उमड़ेकर ने रानी घाटी यात्रा का वर्णन किया।

- शिवम सिंह सिसौदिया ने संस्कृत गीत प्रस्तुत किया।

- स्थानीय यात्रा के लिए युवाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

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