ट्रेनें और यात्रियों की संख्या में इजाफा तो हुआ, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाई

ट्रेनें और यात्रियों की संख्या में इजाफा तो हुआ, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाई
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कोरोना से पहले ग्वालियर की 12 ट्रेनों में चलता था एस्कॉर्ट

ग्वालियर। आगरा, धौलपुर, मुरैना, ग्वालियर होते हुए झांसी-बीना जाने वालीं ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इन ट्रेनों में जहां आरपीएफ की टीम गश्त कर रही है, वहीं राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की टीम कुछ ही ट्रेनों में गश्त कर रही है। इसका कारण जवानों की कमी है। ट्रेनें और यात्रियों की संख्या में इजाफा तो हो गया है, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। इस कारण 16 से 20 कोच वाली ट्रेन में महज दो जवानों की ड्यूटी लगाई जा रही है। उधर आरपीएफ के जवान ट्रेनों सिर्फ चार ट्रेनों को ही एस्कॉर्ट कर रहे है। जबकि आरपीएफ में इन दिनों जवानों की संख्या 52 के आस-पास है। इनमें थाना प्रभारी, उपनिरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक, निरीक्षक शामिल है। लेकिन उसके बाद भी आरपीएफ सिर्फ चार ट्रेनों में ही एस्कॉर्ट कर रही है। जबकि अन्य ट्रेनों में यात्री सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।

अभी इन ट्रेनों में जाता है जीआरपी एस्कॉर्ट

ट्रेन कहां से कहां तक

-श्रीधाम एक्सप्रेस (ग्वालियर से झांसी)

-मालवा एक्सप्रेस (ग्वालियर से मुरैना)

-मालवा एक्सप्रेस (मुरैना से झांसी)

-मंगला एक्सप्रेस (झांसी से ग्वालियर)

-केरला एक्सप्रेस (जवानों की कमी के कारण बंद)

-तमिलनाडु एक्सप्रेस (जवानों की कमी के कारण बंद)

आरपीएफ के जवान इन ट्रेनों में जाते है

-मालवा एक्सप्रेस

-उत्कल एक्सप्रेस

-खजुराहो एक्सप्रेस

-केरला एक्सप्रेस

जीआरपी राज्य सरकार आरपीएफ केंद्र अधीन

रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी की चौकी और थाने बने हुए ह। आरपीएफ केंद्र से संबंधित है। जीआरपी राज्यों के अधीन है। आरपीएफ की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। जीआरपी का वेतन राज्य और केंद्र संयुक्त रूप से देते हैं। आरपीएफ को रेल संपत्ति की सुरक्षा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक्शन का अधिकार है। जीआरपी के पास आईपीसी और सीआरपीसी के तहत कार्रवाई का अधिकार है।

आगरा से झांसी के बीच 233 किलोमीटर में फैला है रेल ट्रैक

आगरा से झांसी के बीच 233 किलोमीटर में रेलवे ट्रैक फैला हुआ है। जिसमें फैला हुआ है, जिसमें 35 स्टेशन हैं। जीआरपी के पास बल की कमी है, उसके बाद भी कुछ ट्रेनों में गश्त कर रही है। जबकि आरपीएफ का एस्कॉर्ट सिर्फ चार ट्रेनों में ही गश्त कर रहा है।

इन ट्रेनों में चोरी की घटनाएं

-दक्षिण एक्सप्रेस

-ताज एक्सप्रेस

-खजुराहो इंटरसिटी

-झांसी आगरा पैसेंजर

-कर्नाटक एक्सप्रेस

-गोवा एक्सप्रेस

इनका कहना है

हमारा चार ट्रेनों में एस्कॉर्ट चलता है। मैं खुद भी सप्ताह में तीन दिन ट्रेनों मं गश्त करता हूं, हमारे यहां फिलहाल बल की कोई कमी नहीं है।

संजय आर्या

आरपीएफ निरीक्षक

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