Gwalior : टिकट कटने से व्यथित मुन्नालाल गोयल नहीं छोड़ेंगे पार्टी, कार्यकर्ताओं के बीच किया ऐलान
शमी पूजन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले मुन्नालाल गोयल
ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी से ग्वालियर पूर्व से टिकट के दावेदार मुन्नालाल गोयल अपना टिकट कटने से दुखी एवं व्यथित जरूर हैं। लेकिन सोमवार को हुरावली में गोयल वाटिका में आयोजित कार्यकर्ताओं के बीच उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता बताते हुए पार्टी नहीं छोडऩे की बात कही। साथ ही यह भी जताया कि वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय थे फिर भी ऐसे नेता को टिकट दे दिया जो क्षेत्र में नहीं दिखतीं। इससे स्पष्ट हो गया है कि श्री गोयल अब पार्टी नहीं छोड़ रहे और न ही किसी अन्य दल में जाकर चुनाव लड़ेंगे।
शनिवार को शाम ग्वालियर पूर्व से वरिष्ठ नेत्री माया सिंह का टिकट होने पर मुन्नालाल समर्थकों ने बारादरी चौराहे पर चक्काजाम करते हुए नारेबाजी की। वहीं रविवार को सुबह महल पहुंचकर हो हल्ला मचाया। जिस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को समझाइश दी। समझा जाता है कि उन्होंने मुन्नालाल गोयल को भी भाजपा के सत्ता में आने पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की बात कही।
यही कारण है कि श्री गोयल द्वारा गोयल वाटिका हुरावली में सोमवार को शाम बुलाई गई कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने पार्टी नहीं छोडऩे की घोषणा की है। इससे वह सारे कयास खत्म हो गए कि श्री गोयल आम आदमी पार्टी अथवा बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी का टिकट महत्वपूर्ण नहीं होता, जनता के बीच उसकी स्वीकार्यता ही उसे चुनाव जिताती है । लेकिन जो लोग जनता के बीच एक दिन भी नहीं गए, जिनका नाम सर्वे में कहीं नहीं था, उनको टिकट दे दिया गया। इससे पिछले तीन वर्षों से अपना एक-एक पल जनता के बीच बिताकर भाजपा को मजबूती देने का काम करने वाले को झटका लगा है। ऐसे कार्यकर्ताओं को टिकट से वंचित कर उनके संघर्ष की हत्या की गई।
महापौर चुनाव में जो षडय़ंत्र हुआ ग्वालियर पूर्व विधानसभा में भी इस षडय़ंत्र की पुर्नरावृत्ति हुई है। जिसके कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है । जब भाजपा सरकार बनाने के लिए एक-एक सीट का संघर्ष कर रही है तब ग्वालियर पूर्व की सीट का अप्रत्याशित निर्णय कार्यकर्ताओं को गंवारा नहीं। हम तो 2023 तक विधायक रह सकते थे और अगला चुनाव भी जीतते। उन्होंने कहा कि मेरी भूमिका कल जनसेवक की थी वह आज भी है और जीवन की अन्तिम सांस तक रहेगी। ग्वालियर पूर्व में हुए पार्टी के निर्णय से कार्यकर्ता और मैं व्यथित हूं, इस संदर्भ में कार्यकर्ताओं ने गांधीवादी तरीके से अपनी भावनाओं से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया है । मेरा किसी अन्य दल में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है।श्री सिंधिया हमारे नेता हैं, मैं भाजपा में हूं और रहूंगा । चुनाव में पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी उसका निर्वाह मेरे एवं पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा ।