जर्जर सडक़ों और पानी की टंकी नहीं बनी, बैठक छोड़ निकले मुन्ना
ग्वालियर,न.सं.। एक महीने पहले पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने क्षेत्र की 40 सडक़ों एवं 10 टंकियों को बनाए जाने के लिए एक पत्र निगमायुक्त संदीप माकिन को लिखा था। इस सिलसिले में बुधवार को पूर्व विधायक ने निगम मुख्यालय में चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई। जिसमें जैसे ही उन्होंने बारिश में सडक़ों पर पानी भराव एवं अमृत में उखड़ी सडक़ें और पेयजल के लिए अमृत की टंकियों की जानकारी मांगी, तो निगमायुक्त संदीप माकिन टालमटोल करने लगे। जिससे गुस्साएं पूर्व विधायक ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और उठकर चले गए। पूर्व विधायक की नाराजगी का मामला सीधे भोपाल तक जा पहुंचा है। उनके निशाने पर निगमायुक्त संदीप माकिन है। श्री माकिन इसके पहले भी जनप्रतिनिधियों को तबज्जो नहीं देने के कारण पहले से ही विवादों में है। इस मामले में मुन्नालाल गोयल ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है अन्यथ वे मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। वहीं दूसरी ओर संदीप माकिन का कहना है कि सडक़े बनने की एक प्रक्रिया होती है हर किसी की प्राथमिकता मैं पूरी थोड़ी कर सकता हूं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता मुन्नालाल गोयल अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए बुधवार को निगम मुख्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होने गए थे। उन्होंने वहां मौजूद निगम आयुक्त संदीप माकिन और इंजीनियरों से कहा कि अमृत योजना के तहत डाली गई सीवर और वाटर लाइन के बाद सडक़ क्यों नहीं बन रही, बारिश में जनता इससे दुर्घटना का शिकार हो रही है। लेकिन पूर्व विधायक को संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर वे बैठक बीच में छोडक़र निकल आए।
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अमृत योजना के तहत काम कर रहे ठेकेदारों के साथ अनुबंध है कि लाइन डालने के बाद उन्हें सडक़ पहले जैसी करके देनी है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के कारण काम नहीं हो रहे। उन्होंने कहा कि आस्था नगर क्षेत्र की जनता सडक़ को लेकर मतदान का बहिष्कार करने की बात कह रही है। फिर भी अधिकारियों पर जू नहीं रेंग रही। उधर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने पत्रकारों से कहा कि ये कोई आधिकारिक बैठक नहीं थी। पूर्व विधायक कई दिनों से क्षेत्र के विकास कार्यों पर चर्चा करना चाहते थे तो मैंने इंजीनियर्स बुला लिए थे। काम नहीं होने से नाराज होकर बैठक बीच में छोडक़र जाने के सवाल और निगमायुक्त ने कहा कि काम तो हो रहे हैं लेकिन हम सबकी प्राथमिकता का ध्यान नहीं रख सकते।