आई फ्लू: मौसम की आंख मिचौली के बीच आंखों में तेजी से फैल रहा संक्रमण,स्कूलों ने पेरेंट्स के लिए जारी की गाइडलाइन्स

आई फ्लू: मौसम की  आंख मिचौली के  बीच आंखों में तेजी से फैल रहा संक्रमण,स्कूलों ने पेरेंट्स के लिए जारी की गाइडलाइन्स
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बारिश फिर तेज धूप की वजह से आई फ्लू इन्फेक्शन तेजी से शहर में फैल रहा है । ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में 30 फीसदी आई फ्लू के हैं।

ग्वालियर| बारिश फिर तेज धूप और फिर बारिश। मौसम की इस आंख मिचौली से आंखों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में 30 फीसदी आई फ्लू के हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एडीनो वायरस जो इस बीमारी का प्रमुख कारण है, उसके पैटर्न में बदलाव देखा जा रहा है। यही कारण है कि यह वायरस तेजी के साथ हर आयु वर्ग के लोगों को संक्रमित कर रहा है। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. डी.के शाक्य ने बताया कि नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 150 से 200 मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। जिसमें 30 प्रतिशत मरीज सिर्फ आई फ्लू के ही हैं। इनके बचाव का सबसे बेहतर उपाय है, कि लोग आंखों से हाथ को दूर रखें। क्यूंकि बार-बार आंख छूने पर ही यह बीमारियां फैलती हैं। उन्होंने बताया कि आई फ्लू जिसे आम बोलचाल में आंख आना कहा जाता है। यह एडिनो वायरस के कारण होती है। यह हर साल इस मौसम में सक्रिय हो जाता है। मगर इस बार यह ज्यादा संक्रामक है। यह छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में हो रहा है। जबकि पहले ज्यादातर युवा ही इस बीमारी की चपेट में आते थे, लेकिन आई फ्लू होने पर मरीज घबराएं नहीं बल्कि आंखों को गुनगुने पानी से साफ करें । आंख से गिरते पानी को पोंछने के लिए साफ और सूती ·पड़े का इस्तेमाल करें । यह बीमारी एक से दूसरे को फैलती है। ऐसे में रोग की चपेट में आने पर अस्पताल जाकर उपचार लें।

आई फ्लू के लक्षण -

-सूजन और दर्द के साथ आंखें लाल होना। |

-आंखें खोल कर रखने में दिक्कत होना या धुंधला दिखाई देना।

-आंखों से पानी बहना और सफेद रंग का कीचड़ आना।

पलकों के ऊपर पीले रंग का गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ बनना।

आई फ्लू होने पर यह करें -

-आंखों को हाथ से ना छुएं।

-पानी से आंखों को बार-बार धोते रहें।

-हाथों को साफ रखें।

-टीवी, मोबाइल व ऐसी चीजों से दूरी रखें जिन्हें अन्य लोग भी इस्तेमाल करते हैं।

-आई फ्लू होने पर बच्चों को स्कूल न भेजें।

-काला चश्मा पहनने से राहत मिलेगी।

स्कूलों ने की गाइडलाइन्स जारी -

बढ़ता आई फ्लू को देखते हुए स्कूलों ने गाइडलाइन्स जारी कर दी| केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 01 के प्राचार्य गौरव दिवेदी ने बताया कि आई फ्लू के केस तेजी से बढ़ रहा है | इसलिए गाइडलाइन्स जारी कर आई फ्लू होने पर बच्चों को स्कूल न भेजने को कहा है| या फिर काला चश्मा लगाकर ही स्कूल भेजें |

सात से आठ दिन तक रहता है असर -

विभागाध्यक्ष डॉ. शाय ने बताया कि आंखों से जुड़े संक्रामक बीमारी में इन्फेक्शन के चलते दो दिनों तक मरीज के हाल बेहाल रहते हैं। मरीज के आंखों में लालपन, सूजन और ज्यादा दर्द बढ़ जाता है। आई फ्लू या कंजक्टिवायटिस आंखों के सफेद हिस्से में होने वाला संक्रमण है जो कि बरसात के मौसम में होने वाली आम बीमारी है। इस मौसम में आंखों से जुड़ी किसी भी तरह की लापरवाही बरतने से बचना चाहिए। आई फ्लू बहुत ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है और आंख को कोई स्थायी नुकसान पहुंचाए बिना सात से आठ दिनों में ठीक भी हो जाती है।

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