कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक ही परिवार के 8 सदस्यों ने किया आत्मदाह का प्रयास, ये..है मामला

कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक ही परिवार के 8 सदस्यों ने किया आत्मदाह का प्रयास, ये..है मामला
X

ग्वालियर। जिला कलेक्ट्रेट में मंगलवार दोपहर उस समय हडक़ंप मच गया, जब जनसुनवाई में आए एक ही परिवार के आठ लोगों ने अपने ऊपर केरोसिन गिराकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। परिवार को पेट्रोल डालते देख मौके पर उपस्थित सभी अधिकारी सकते में आ गए और उन्हें पकड़कर एक बड़ी घटना होने से बचा लिया। जनसुनवाई के दौरान आत्मदाह का ये दूसरा मामला है। इससे पहले एक आदिवासी महिला ने अपना जाति प्रमाण पत्र निरस्‍त किये जाने से नाराज होकर केरोसिन डालकर आत्मदाह करने करने की कोशिश की थी।

आत्मदाह करने वाले कदम सिंह जाटव ने बताया की उसका परिवार पिछले 50 सालों से सिरोल अंतर्गत जिला पंचायत के पास रह रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व कलेक्टर के आदेश पर लगभग 5 बीघा जमीन जिला पंचायत कार्यालय बनाने के लिए प्रशासन को दी थी। जिसके बदले उन्हें रहने के लिए आवास देने की बात कही गयी थी। लेकिन अब तक रहने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। बल्कि फरवरी 2022 में जिला पंचायत कार्यालय का भवन बनने के बाद इन लोगों को को उनके आवास से बेदखल कर दिया गया। जिसके बाद से पिछले 10 महीनों से वह जनसनुवाई में लगातार अपनी शिकायत करने आ रहे हैं, लेकिन उनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।


मंगलवार को भी जनसुनवाई में परिवार के आठ लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। यह लोग एक बोतल में केरोसिन लाए थे। सुनवाई नहीं होने पर कुल 4 दम्पत्तियों ने अपने ऊपर केरोसिन डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जनसुनवाई कर रहे अफसर और मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें पकड़ कर बाहर ले जाया गया। विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने आत्मदाह का प्रयास करने वाले पुरुषों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

ये है मामला -

अपर कलेक्टर हरिल्लभ शर्मा ने बताया कि कदम सिंह जाटव उसका बेटा किशोर अपने परिवार के साथ पट्टे की मांग को लेकर आया था, लेकिन पूर्व में उन्हें पट्टा दिया जा चुका है। अपर कलेक्टर के अनुसार एक साल पहले सरकारी जमीन पर उनके आवास को हटा दिया गया था। तत्काल प्रशासन ने पट्टे दिए थे। इसके बाद ये लोग दूसरी जगह पट्टे देने की मांग कर रहे थे। इस परिवार को दो पट्टे दिए गए हैं और यह परिवार 15 दिन पहले अपने पट्टे वापस कर गया था। यह परिवार अभी भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहा है जिसे प्रशासन हटा सकता है। इसके बाद इनको पट्टे वाले स्थान पर पहुंचाया जाएगा।

Tags

Next Story