दलाली प्रथा से मुक्ति दिलाकर आमदनी बढ़ाएंगे किसान हितैषी विधेयक : प्रदेश महामंत्री

दलाली प्रथा से मुक्ति दिलाकर आमदनी बढ़ाएंगे किसान हितैषी विधेयक :  प्रदेश महामंत्री
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ग्वालियर।केंद्र सरकार ने खेती सुधारों से संबंधित बिल लाकर किसान हित में कई फैसले लिये है। सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों से किसान दलाली प्रथा से मुक्त होकर अपनी फसलों को उचित मूल्य पर अपनी मर्जी के स्थान पर बेच सकेगा। ये बात भाजपा के प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा ये कानून किसानों को नए अवसर उपलब्ध कराएगा। जिससे उनकी आमदनी में तेजी से वृद्धि होगी। दुर्भाग्य से देश के राजनीतिक दल सालों से दोयम दर्जे का जीवन जी रहे किसानों के जीवन स्तर को उंचा उठते हुए नहीं देखना चाहते।

किसान विरोधी दलों को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए -

इसलिये देश के सीधे-साधे किसानों से सही जानकारी छिपाकर उन्हें भटकाने एवं भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा की कांग्रेस सहित विरोध कर रहें इन राजनीतिक दलों को बताना चाहिए की किसानों का शोषण करने वाली इस प्रथा और दलालों से इन्हें इतना लगाव क्यों है? रावत ने आगे कहा की आज जो लोग किसानों को गुमराह कर रहे है, उन्हें एक दिन मुंह की खानी पड़ेगी। रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा जो फैसले लिये गये हैं, वो निश्चित तौर पर ऐतिहासिक हैं। अभी हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 1 लाख करोड़ के कृषि अवसंरचना फंड की स्थापना की गई थी। केन्द्र सरकार द्वारा 10 हजार कृषक उत्पादक समूहों (एफपीओ) की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

किसानों के हितों का संरक्षण-

उन्होंने आगे कहा की केंद्र सरकार ने इन दो विधेयकों के माध्यम से किसानों को अग्रिम पंक्ति में खड़े होने का प्रबंध किया है। आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न हुई प्रतिकूल परिस्थितियों में भी केंद्र सरकार द्वारा किसानों सेे 390 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई और किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।कोरोना काल में लगभग 9 करोड़ किसानों को लगभग 38 हजार करोड़ रुपये जारी किये गये। ऐसे कई निर्णय लिये गये हैं, जिनसे किसानों का जीवन सरल और सशक्त बनेगा। उन्होंने आगे कहा की इन विधेयकों में सिर्फ और सिर्फ किसानों के हितों का संरक्षण किया गया है।

व्यापार बढ़ेगा एवं पारदर्शिता आएगी -

किसानों को किसी भी प्रकार से भ्रमित नहीं होना चाहिए। नये प्रावधानों में फसल बेचने के सिर्फ 3 दिनों में भुगतान की व्यवस्था की गई है। परिवहन लागत एवं कर में कमी लाकर किसानों को उत्पाद की अधिक कीमत दिलाने, किसानों को बिचैलियों से मुक्त कराने के लिये प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का सीधा एकीकरण जैसे भी प्रावधान किये गये हैं। इन विधेयकों में किसानों को इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराये है। जिससे व्यापार बढ़ेगा एवं पारदर्शिता आएगी। किसानों को इस विधेयक के अनुसार अत्याधुनिक कृषि उपकरण और उन्नत खाद-बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिन में स्थानीय स्तर पर हो जाएगा। किसानों के लिये सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें एक राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया गया है। वे किसी भी राज्य में अपनी फसल बेच सकेंगे।



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