ग्वालियर पहुंची 'अग्निपथ' के विरोध की आग, छात्रों ने रेलवे स्टेशन पर किया उपद्रव
ग्वालियर। सेना भर्ती नियमों में हुए बदलाव को लेकर देश के अन्य राज्यों में हुए विरोध की आग मप्र तक पहुंच गई है। ग्वालियर में सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवकों ने आज अग्निपथ परीक्षा भर्ती योजना के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया। ग्वालियर में गोला का मंदिर क्षेत्र में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों ने चक्काजाम कर बीच सड़क पर टायर जलाकर जमकर प्रदर्शन किया। युवाओं ने रेलवे स्टेशन पर भी तोड़फोड़ कर ट्रैक पर आग लगा दी और ट्रेनों और उनमें सवार यात्रियों को निशाना बनाया। खबर लिखे जाने तक शहर में हिंसक प्रदर्शन जारी है। कलेक्टर-एसपी स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं और भारी संख्या में पुलिस बल स्थिति पर काबू करने में जुटा है।
दरअसल, ग्वालियर-चम्बल संभाग से ज्यादा युवा सेना में जाते हैं। अग्निपथ योजना के तहत पूर्व में हुई भर्तियों को रद्द करने की जानकारी लगने के बाद युवाओं का गुस्सा भड़क गया। ग्वालियर में गोला का मंदिर में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने गुरुवार को सुबह चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया और देखते ही देखते यह प्रदर्शन हिंसक हो गया। युवाओं ने बीच सड़क पर टायर फूंके। गोला का मंदिर इलाके से शुरू हुआ यह प्रदर्शन हिंसक होने के बाद मेला रोड, बिरला नगर रेलवे स्टेशन तक पहुंच गया।
प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर इतना हंगामा किया कि ट्रेनों का संचालन ही ठप हो गया। ओएचई लाइन को बंद कर दिया गया। कोयंबटूर निवासी वेंकटेशन इस मारपीट में घायल भी हो गए हैं। इसके अलावा एक अन्य यात्री राजकुमार को भी चोटें आई हैं। पुलिस ने जैसे-तैसे भीड़ को गोला का मंदिर से हटाया तो अब उपद्रवी शहर की तरफ बढ़ना शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पड़ाव गांधी नगर में घर के बाहर खड़ी करीब 20 गाड़ियों के कांच तोड़ दिए। वहीं खबर है कि हजीरा पर एक बस में भी आग लगाई गई है। उपद्रव के कारण गोला का मंदिर चौराहा, मेला रोड और अब स्टेशन तक का ट्रैफिक जाम है। पुलिस प्रशासन स्थिति पर काबू पाने के प्रयास में जुटा हुआ है।
कलेक्टर-एसपी मैदान में उतरे -
प्रदर्शनकारियों ने बिरलानगर स्टेशन पर रेलवे रेलवे ट्रैक अवरुद्ध कर दिया है। यहां आउटर पर कई ट्रेनों को रोक दिया गया है। कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचकर युवाओं से बात करके हंगामा शांत करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
युवाओं का स्पष्ट कहना है कि वह पिछले दो साल से मैदान में पसीना बहा रहे हैं और अब कहा जा रहा है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की जाएगी। यह सरासर अन्याय है। यह आंदोलन की केवल शुरुआत है, यदि आदेश में बदलाव नहीं किया गया तो आंदोलन विकराल रूप धारण करेगा। इस उपद्रव में दो पत्रकारों समेत 10 लोग घायल हुए हैं। पूरे शहर में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। पुलिस लाठीचार्ज कर युवाओं को खदेड़ रही है। रिजर्व फोर्स के आने के बाद हालात में कुछ नियंत्रण में आए है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। प्रॉपर्टी का बड़ा नुकसान नहीं है।