जिन गलियों में ऑटो नहीं जा सकता वहां दमकल कैसे पहुंचे, हादसे की आशंका

जिन गलियों में ऑटो नहीं जा सकता वहां दमकल कैसे पहुंचे, हादसे की आशंका
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दमकल अमले ने सर्वे कर दिए थे नोटिस, नहीं हो पाई कार्रवाई

ग्वालियर,न.सं.। शहर में पिछले दस साल के भीतर आगजनी के एक दर्जन से अधिक ऐसे बड़े हादसे हुए है, जिनका आमंत्रण प्राकृतिक माना गया। किंतु सही मायनों में कुछ हद तक हम स्वयं भी जिम्मेदार है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह हे कि बारुद के ढेर पर हम अपना व्यापार सजाए बैठे है। इतना ही नहीं अपने परिवार के लिए भी यह सुखदाई नहीं है। क्योंकि गोदाम के ऊपर ही जब रिहायश रहेगी, तो खतरा भी रहेगा। यही कारण है कि आग लगने पर हम जिम्मेदारी संबंधित विभाग पर थोप देते है। यदि हम स्वयं ऐसे हादसों से बचना चाहते है, तो ज्वलन शील पदार्थो की दुकान अथवा गोदाम का संचालन घर के नीचे बिल्कुल न करें।

13 लाख की आबादी वाले शहर में आए दिन नए निर्माण होते जा रहे हैं, मगर शहर के बीच पुराने बाजार आज भी तंग गलियों में ही बसे है। इन गलियों का हाल यह है कि दो बाइक सवार आमने सामने आ जाएं तो पैदल चलने वालों को एक स्थान पर खड़ा होना पड़ता है। इतना ही नहीं यदि किसी गली में आग लग जाए या मकान धराशाई हो जाए तो यहां आसानी से राहत नहीं पहुंचाई जा सकती। खास बात यह हैं कि शहर की इन तंग गलियों में बड़े-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान तो खुल गए हैं किन्तु यहां आगजनी की घटना रोकने के इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसी तरह के हालात मोची ओली के हैं। इस गली में लगभग 50 से अधिक गद्दे और तेजाब की दुकान हैं। गली में अतिक्रमण के चलते बड़े चार पहिया वाहनों से लेकर अन्य वाहन तक इस गली में नहीं घुस पाते हैं। अभी कुछ माह में आगजनी की घटना हुई हैं, जिसमें आगजनी स्थल तक दमकल के न पहुंचने के कारण व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का कर रहे है इंतजार

शहर के मोर बाजार, दाना ओली, मोची ओली, टोपी बाजार, सुभाष मार्केट, दही मंडी, चेला जी का अखाड़ा, अग्रसेन मार्केट, झावेरी मार्केट, दर्जी ओली, चावड़ी बाजार, दाल बाजार, मुरार के बजाज खाना, रिसाला बाजार, सदर बाजार, ग्वालियर में हजीरा, किलागेट, सहित कई क्षेत्रों की गलियों में बड़े स्तर पर व्यापारियों ने गोदाम बना रखे है। इसको लेकर दमकल अमले ने व्यापारियों को नोटिस जारी किए। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश न मिलने पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

विद्युत तारों का जाल बिछा है

तंग गलियों में हालात ऐसे हैं कि आग लगने पर दमकलें पहुंचना तो दूर की बात है, मोटरसाइकिल से पहुंचने में भी पसीने छूट जाते हैं। विद्युत तारों का जाल बिछा है, इससे शॉर्ट सर्किट की आशंका हमेशा बनी रहती है। तंग गलियों में सर्राफा बाजार व कपड़ों के गोदाम बने है। गलियों की स्थिति तो यह है कि नीचे लगी है और ऊपर छज्जों के कारण छतें मिला दी गई है। विद्युत तारों से दीवार अटी पड़ी है।

हर बार वायुसेना की दमकल का लेना पड़ता है सहारा

नगर निगम के पास एक दर्जन से ज्यादा आग बुझाने वाली गाडिय़ंा है लेकिन जब शहर में कोई बड़ी आगजनी की घटना होती है तो उन्हें वायुसेना दमकल का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे कई बार मौके आए है जब नगर निगम के कर्मी आग बुझाने में असफल हो गए और उनको दो तीन दिन तक आग पर लाखों गैलन पानी और पसीना बहाते देखा गया है।

आग लगने की प्रमुख घटनाएं

  • -30 जनवरी 2023 को मेले की 12 दुकानों में लगी आग
  • -16 मार्च 2023 को कार के शोरुम में आग लगी थी।
  • -27 मार्च 2023 को रिलायंस के शोरुम में आग लगने से जाम की स्थिति बनी थी।
  • -12 सितम्बर 2022 को कांचमिल में जूत फैक्ट्री में आग लगी थी, 50 लाख का नुकसान हुआ था।

आग लगने की प्रमुख घटनाएं

  • -4 जून 2010 को महाराज बाड़े स्थित विक्टोरिया मार्केट में लगी थी आग, 147 दुकानें जलकर हुई थी खाक।
  • -13 जून 2015 को मुरार के एक मकान में आग लग गई थी, जिसमें 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
  • -17 मार्च 2016 आनंद नगर में बंसल फोम के गोदाम में लगी थी आग।
  • -11 मार्च 2020 को मोची ओली में लगी आग से वृद्ध दम्पत्ति की मौत हो गई थी।
  • -18 मई 2020 को रोशनीघर मार्ग पर गोयल पेंट हाउस के सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।

इनका कहना है

आगजनी की घटनाओं के लिए दमकल अमला हमेशा तैयार रहता है। शहर के बाजारों में व्यापारियों ने घरों में गोदाम बना लिए है, इसके लिए जिा प्रशासन और व्यापारियों को निर्णय करना चाहिए।

हर्ष सिंह

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