कोहरा छटा... फिर भी नहीं बढ़ी रफ्तार, 9 घंटे तक देरी से पहुंची ट्रेनें
ग्वालियर। शहर में बीते कुछ दिनों से कोहरे में कमी आई है। इसके बाद भी ट्रेनों की रफ्तार नहीं बढ़ी। रविवार को भी 10 से अधिक ट्रेनें लेट रहीं। सबसे ज्यादा भोपाल एक्सप्रेस और तेलंगाना एक्सप्रेस देरी से स्टेशन पर आई। इससे यात्री परेशान रहे।
शहर में कोहरा कम हुआ है, लेकिन बाहर अभी भी इसका असर है। इस कारण ट्रेनें देरी से आ रही हैं। रात को नई दिल्ली से आने वाली भोपाल एक्सप्रेस 9 घंटे 32 मिनट, तेलंगाना एक्सप्रेस 7 घंंटे 36 मिनट, जीटी एक्सप्रेस 1 घंटे 5 मिनट की देरी से ग्वाििलयर आई। झांंसी से आने वाली पंंजाब मेल 4 घंटे 11 मिनट व उत्कल एक्सप्रेस 12 घंटे 48 मिनट की देरी से आई। वहीं मथुरा जंक्शन पर यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के चलते 6 फरवरी तक 50 से अधिक ट्रेनें निरस्त रहेंगी। रविवार को भी मथुरा और आगरा से गुजरने वाली 30 से अधिक ट्रेनें नहीं चलीं। इससे यात्रियों को परेशानी हुई। कई यात्रियों ने ट्रेन की टिकट भी निरस्त करा दी है। 6 फरवरी तक मरम्मत कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
686 में से 584 ट्रेनें हो गई अब एलएचबी रेक से लैस
उत्तर मध्य रेलवे ( एनसीआर) जोन में चल रही 85 फीसदी ट्रेनें जर्मन तकनीक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) से लैस हो गई हैं। 31 जनवरी 24 तक यहां चल रहीं 686 में से 584 ट्रेनों के रेक एलएचबी में तब्दील कर दिए गए हैं। शेष 102 ट्रेनों को भी इस वर्ष के अंत तक एलएचबी रेक में बदलने की तैयारी है।
एनसीआर वर्तमान में देश का एकमात्र ऐसा जोन है जहां चलने वाली 85 फीसदी से ज्यादा ट्रेनें एलएचबी रेक में तब्दील हो चुकी हैं। रेलवे प्रशासन की तैयारी है कि अगले एक वर्ष के भीतर जोन से चलने वाली सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में एलएचबी रेक लगा दिए जाएं। एनसीआर की बात करें तो यहां से गुजरने वाली 81 फीसदी एक्सप्रेस ट्रेनें एलएचबी रैक से लैस हो गई हैं, जबकि एक वर्ष पूर्व यहां 70 फीसदी ट्रेनें ही एलएचबी रेक से लैस थी। साल भर में अगर सभी ट्रेनों के रेक अगर एलएचबी में तब्दील हो जाते हैं तो यहां ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रतिघंटे हो जाएगी।