ठंडे बस्ते में डाला कागजों में प्रसव कराने का मामला, जिलाधीश के निर्देश पर भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्वालियर, न.सं.। जननी सुरक्षा योजना के फर्जीवाड़े का मामला उजागर होने के बाद जहां जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग को जांच के लिए आदेश जारी किए गए थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई तो दूर संबंधित को एक नोटिस जारी तक नहीं कर पाए और मामले को ठंडे बस्त में डाल दिया गया। यही कारण है कि मामला पिछले ढ़ाई माह से फाइलों में ही दबा हुआ है।
दरअसल उटीला अस्पताल में कागजों में महिला का प्रसव करा कर जननी सुरक्षा योजना का भुगतान कराने के मामला अक्टूबर माह में सामने आया था। जिसके बाद जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने 2 नवम्बर को सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा को एक आदेश जारी करते हुए मामले की जांच करने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन आज दिन तक जननी सुरक्षा योजना के फर्जीवाड़ा करने वाले न तो अधिकारी पर कोई कार्रवाई की गई और न ही कर्मचारी पर। उधर उटीला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी भी मामले को दबाने में जुटी हुई है, यही कारण है कि फर्जीवाड़े में शामिल किसी भी कर्मचारियों को हटाया तक नहीं किया। इतना ही नहीं इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस कर्मचारी द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है, उसने खुद भी प्रभारी से सामने अपनी गलति को स्वीकार भी किया था।
यह है पूरा मामला
टिहोली निवासी कल्पना पत्नी कोमल का प्रसव 9 सितंबर की शाम 7.19 पर मुरार थाने के पास एक निजी अस्पताल में हुआ था। लेकिन उक्त महिला का पन्द्रह दिन में ही दोबार उटीला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दस्तावेजों में प्रसव करा दिया गया। उटीला के दस्तावेजों के अनुसार कल्पना का प्रसव 25 सितंबर की शाम करीब 5.30 बजे दर्ज किया गया। इतना ही नहीं स्वास्थ्य केन्द्र के स्टाफ द्वारा फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशी 14 सौ रुपए का भुगतान भी महिला के खाते में करा दिया गया।