ग्वालियर में 11 दिवसीय गणेशोत्सव की धूम, 1500 पंडालों समेत घरों में विराजेंगे गणपति बप्पा

ग्वालियर में 11 दिवसीय गणेशोत्सव की धूम, 1500 पंडालों समेत घरों में विराजेंगे गणपति बप्पा
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ग्वालियर। शहर में 11 दिवसीय गणोत्सव का शुभारंभ आज मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान भगवान गणपति जी शहर के पंडालों, घरों, संस्थानों, गली-मौहल्लों आदि स्थानों में गाजे-बाजे और धूमधाम के साथ विराजित होंगे। शहर में दस दिनों तक गणेश उत्सव की धूम भी देखने को मिलेगी। वहीं सोमवार से ही लोगों ने गणेश प्रतिमा और पूजन की सामाग्री आदि खरीदना भी शुरू कर दिया है। इस दौरान थीम रोड, नई सड़क और फूलबाग आदि स्थानों पर खरीदारों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली। इस बार सबसे अधिक पर्यावरण के अनुरूप इको फ्रेंडली गणेश जी की मांग अधिक है। वहीं पंडालों को सजाने का काम भी जोर-शोर से चल रहा है। इस उत्सव के लिए गणेश मंदिर भी सज चुके हैं। श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर गणेश उत्सव के लिए आकर्षक विद्युत सजावट भी की गई है।

श्री गणेश जी का जन्म -

बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न काल के स्वाति नक्षत्र सिंह लग्न में हुआ था। दस दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव 19 सितंबर से प्रारंभ होकर 28 सितंबर तक चलेगा।

वैधृति योग और दूसरा स्वाति नक्षत्र

इस दिन रवि योग के साथ वैधृति योग और दूसरा स्वाति नक्षत्र उसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू होकर देर रात तक रहेगा। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का आरंभ 18 सितंबर दोपहर 12:39 से 19 सितंबर दोपहर 1:45 तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन भद्रा भी रहेगी। भद्रा का आरंभ सुबह 6:04 से दोपहर 1:45 तक रहेगा। लेकिन भगवान गणेश का एक नाम विघ्न विनाशक भी है और पाताल लोक की भद्रा है। इसलिए गणेश स्थापना भाद्र की वजह से प्रभावित नहीं होगी।

चंद्र दर्शन से लगता है कलंक -

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दिन यदि जातक चंद्रमा के दर्शन करते हैं तो यह शास्त्रों में निषेध है। इस दिन चंद्रमा को देखने वाले जातक को झूठी, चोरी का कलंक लगता है। इसलिए इस दिन चंद्र दर्शन ना करें। दर्शन न करने का समय सुबह 9:45 से रात्रि 8:45 बजे तक है।


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