ग्वालियर में नौकरी छोड़ दंपति ने शुरू किया स्टार्टअप, अब 50 लाख के पार पहुंचा "ओमकार इंडिया” का टर्नओवर
ग्वालियर। ग्वालियर के गोस्वामी दम्पत्ति द्वारा स्थापित स्टार्टअप “ओमकार इंडिया” के उत्पाद देशभर में छाए हैं। गोस्वामी दम्पत्ति ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर स्टार्टअप की ओर कदम बढ़ाए और अपने हुनर, लगन व कड़ी मेहनत की बदौलत अच्छा-खासा कारोबार खड़ा कर लिया है। देखते ही देखते “ओमकार इंडिया” स्टार्टअप का वार्षिक टर्नओवर लगभग 50 लाख रूपए तक पहुँच गया है। अमेजन, मीशो, माय स्टोर इत्यादि ओपन डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म पर इस स्टार्टअप के उत्पादों की बड़ी माँग है।
ग्वालियर शहर में सिटी सेंटर के समीप बीजासेन माता मंदिर महलगाँव के सामने स्थित अपने मकान में एच एस गोस्वामी एवं उनकी धर्मपत्नी आकांक्षा गोस्वामी ने “ओमकार इंडिया” स्टार्टअप स्थापित किया है। एच एस गोस्वामी वनस्पति शास्त्र में पीएचडी हैं। वे बताते हैं कि मशरूम एवं हर्बल उत्पादों में मेरी शुरू से ही रूचि थी। जब हम ग्वालियर के एक निजी कॉलेज में पढ़ाते थे। उसी दौरान मेरे ध्यान में आया कि ग्वालियर के किसानों को मशरूम बीज के लिए दिल्ली तक भटकना पड़ता है। हम दोनों के मन में विचार आया कि क्यों न मशरूम बीज उत्पादन का काम शुरू करें। यह काम चुनौतीपूर्ण जरूर था, पर मुझे अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा था। वे बताते हैं कि मशरूम का बीज, मशरूम की फसल से नहीं मिलता। इसे अलग से पैदा करना पड़ता है, जो गेहूँ को स्ट्रलराइज करके तैयार किया जाता है।
ऐसे शुरू किया स्टार्टअप -
गोस्वामी दम्पत्ति बताते हैं कि एक दिन कॉलेज प्रबंधन से किसी बात को लेकर बहस हो गई। तभी हम दोनों ने ठान लिया कि अब हम किसी और की नौकरी नहीं, अपना खुद का काम शुरू करेंगे। फिर क्या हमने बड़े पैमाने पर मशरूम बीज उत्पादन के लिए स्टार्टअप की ओर कदम बढ़ा दिए। वर्ष 2016 में अपने घर पर ही हमने मशरूम बीज उत्पादन के लिए “ओमकार इंडिया” स्टार्टअप शुरू कर दिया । गोस्वामी बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि यह स्टार्टअप आसानी से खड़ा हो गया। शुरूआत में काफी तकलीफें आईं, धन की व्यवस्था व बीज की मार्केटिंग बड़ी चुनौती थी। वे कहते हैं मेरी धर्मपत्नी आकांक्षा से मुझे पूरा सहयोग मिला। घर का सारा कामकाज करने के साथ-साथ उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम भी किया।
उत्कृष्ट मशरूम बीज उत्पादन -
एच एस गोस्वामी बताते हैं कि शुरूआत में आईं मशरूम सीड मार्केटिंग की दिक्कतें तब दूर हो गईं जब हमने इंडिया मार्केट और ओएनडीसी जैसे नेटवर्क पर अपना पंजीयन करा लिया। पंजीयन से पहले हमारे मशरूम सीड की विभिन्न चरणों में बारीकी से लेबोरेटरी जाँच कराई गई। सभी जाँच में हमारा सीड खरा उतरा। इंडिया मार्केट में पंजीयन होने से धड़ाधड़ ऑनलाइन ऑर्डर मिलने लगे। जाहिर है हमारी तरक्की के द्वार भी खुल गए। शुरूआती साल में एक लाख रूपए का टर्नओवर था, जो अब 50 लाख रूपए तक पहुँच गया है। साथ ही दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। गोस्वामी बताते हैं कि उत्कृष्ट मशरूम बीज उत्पादन की बारीकियाँ सीखने के लिये हम वियतनाम भी गए। उनका कहना है कि उत्कृष्ट मशरूम बीज उत्पादन में हम मध्यप्रदेश में इकलौते हैं, वहीं देश के दर्जनभर उत्पादकों में भी हमारा स्टार्टअप शामिल है।
हर्बल खाद्य पदार्थ व कॉस्मेटिक उत्पादन
मशरूम सीड उत्पादन में मिली सफलता के बाद गोस्वामी दम्पत्ति ने हर्बल खाद्य पदार्थ व कॉस्मेटिक उत्पादन की ओर कदम बढ़ाकर अपने स्टार्टअप का विस्तार कर दिया है। लगभग 30 प्रकार के न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद मसलन एलोवेरा, आँवला व नोनी जूस, मशरूम से निर्मित स्टैमिना जूस तथा कई प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पादों का निर्माण यह स्टार्टअप सफलतापूर्वक कर रहा है। गोस्वामी बताते हैं कि मार्केटिंग की अब कोई समस्या नहीं रही है। हमारे 90 प्रतिशत से अधिक उत्पाद ऑनलाइन बिक जाते हैं।
गोस्वामी दम्पत्ति का यह भी कहना है कि हमें सरकार के सीएआईई (सेंटर फॉर एग्री बिजनिस इंक्यूवेशन एण्ड एंटरप्रेन्योरशिप) और नाबार्ड से अच्छी मदद मिल रही है। भारत सरकार की पीएमएफएमई (प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज) योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग के लिये लगभग 23 लाख रूपए का ऋण मेरे लिए मंजूर हुआ है। इसकी डीपीआर सीएआईएई ने तैयार कराई थी। नाबार्ड द्वारा देश के बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म व हाट बाजारों में हमारे उत्पादों को कई बार स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे देशभर में हमारे स्टार्टअप की पहचान कायम हुई है।
ओमकार इंडिया स्टार्टअप का स्टॉल सभी के आकर्षण का केन्द्र
हाल ही में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हुए अखिल भारतीय किसान मेला एवं अंतर्राष्ट्रीय कृषि तकनीक प्रदर्शनी में भी “ओमकार इंडिया” स्टार्टअप का स्टॉल सभी के आकर्षण का केन्द्र बना रहा। देश भर से आए कृषि वैज्ञानिकों, संभाग आयुक्त श्री दीपक सिंह, विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह भी उनके स्टॉल पर पहुँचे और स्टार्टअप के उत्पादों को सराहा। कलेक्टर श्री सिंह बाद में गोस्वामी दम्पत्ति के घर भी स्टार्टअप की कार्यविधि देखने पहुँचे।“ओमकार इंडिया” के फाउण्डर निदेशक गोस्वामी बोले कि यदि मन में लगन, जुनून व धैर्य हो और कड़ी मेहनत करने का माद्दा हो तो कोई भी युवा सफल स्टार्टअप खड़ा कर सकता है। वे प्रेरणादायी शेर “मुझे ऊँचाईयों पर देखकर हैरान हैं बहुत लोग, किसी ने मेरे पैरों के छाले नहीं देखे” को गुनगुनाते हुए बोले मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। मेहनत करेंगे तो सफलता अवश्य चरण चूमेगी।