अध्यक्ष पद पर भोजवानी आए तो क्रिएटिव हाउस नहीं उतारेगा अपना प्रत्याशी?
ग्वालियर,न.सं.। मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स का चुनाव अब तीन हजार सदस्यों ही नहीं बल्कि शहर के समस्त व्यापारियों पर हावी होने जा रहा है। क्योंकि चेम्बर का प्रदेश की राजनीति के साथ ही शासन-प्रशासन में अच्छा-खासा दखल रहता है। यही कारण है कि छह प्रत्याशी पदों के प्रत्याशी बड़े-बड़े उद्योगपति और धन्नासेठ एक-एक व्यापारी के संस्थान पर जाकर सिर नवाते हैं जिससे उनकी कमर झुक जाती है।
चुनाव में परंपरागत व्हाइट और क्रिएटिव हाउस आमने-सामने होते हैं जिससे आम व्यापारी सिर्फ इसलिए चुनाव नहीं लड़ पाता क्योंकि एक प्रत्याशी को कम से कम 10 लाख से अधिक रुपए खर्च करना पड़ते हैं। चुनाव के दौर में एक दूसरे हाउस के प्रत्याशी से अंदरूनी पेक्ट कर चुनाव लडऩे के आरोप भी लगते रहे हैं क्योंकि कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक ही हाउस के सभी छह प्रत्याशी विजयी हुए हों। चुनाव की घोषणा के साथ ही दोनों हाउस के दावेदार अपने-अपने नाम वरिष्ठ नेताओं को दे रहे हैं। इसमें एक रोचक बात यह सामने आई है कि व्हाइट के वरिष्ठ सदस्य जीएल भोजवानी की ओर से कोर बैठक में यह बात रखी है कि यदि हाउस उन्हें अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाता है तो क्रिएटिव हाउस इस पद पर अपना कोई प्रत्याशी खड़ा न करते हुए उनके नाम पर सर्वसहमति बनाएगी। श्री भोजवानी की ओर से यह बात मौजूदा अध्यक्ष एवं क्रिएटिव हाउस के प्रमुख विजय गोयल से हुई बातचीत के आधार पर रखी गई है, जिसमें की गोयल ने भी यह कहा कि श्री भोजवानी अच्छे उद्योगपति हैं, उन्हें हर तरह का अनुभव है। मैं अपने हाउस में अपनी बात रख सकता हूँ लेकिन निर्णय हाउस का ही मान्य होगा। यहां बता दें कि इसके पहले श्री भोजवानी कुछ पदों पर चुनाव लड़ चुके हैं तब क्रिएटिव हाउस से तमाम दावेदार उनके खिलाफ इसलिए चुनाव मैदान में आ जाते हैं कि वे कमजोर प्रत्याशी हैं। ठीक यही स्थिति तब सामने आ सकती है जब व्हाइट हाउस उन्हें अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित कर दी।
अग्रवाल का प्रचार जारी:-
चुनाव अधिकारी पद के लिए पहली बार कोई व्यापारी कार्यकारिणी की बैठक में फैसले से पहले ही प्रचार करते दिख रहा है। क्रिएटिव हाउस के सर्वे-सर्वाओं में गिने जाने वाले दाल बाजार के प्रतिष्ठित व्यवसाई ओमप्रकाश अग्रवाल इन दिनों क्रिएटिव हाउस से दूरियां बनाए हुए हैं क्योंकि क्रिएटिव हाउस के एक धड़े द्वारा चुनाव अधिकारी के लिए राधाकिशन खेतान का नाम प्रस्तावित किया है जिससे इसी हाउस के विरोधी धड़े ने विजय गोयल को नीचा दिखाने के लिए उन्हें चुनाव अधिकारी पद पर निर्दलीय उतरवा दिया है। जबकि दूसरी ओर व्हाइट हाउस किसी निष्पक्ष व्यापारी को चुनाव अधिकारी बनवाना चाहता है और इसके लिए अरविंद अग्रवाल द्वारा गुरुवार को विजय गोयल से टेलीफोन पर चर्चा की है। समझा जाता है कि शुक्रवार को दोनों की मुलाकात में बात आगे बढ़ेगी। व्हाइट हाउस ओमप्रकाश अग्रवाल को इसलिए पसंद नहीं करता क्योंकि एक चुनाव में वे व्हाइट हाउस के चन्द्रमोहन नागौरी को पराजित कर चुनाव अधिकारी बने थे, उस चुनाव में मतपत्र फटने से लेकर थाने में लूट-डकैती की प्राथमिकी तक हुई थी, तब केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के हस्तक्षेप दोनों हाउसों में ऐका कराया गया था। उधर श्री अग्रवाल ने गुरुवार को सराफा बाजार क्षेत्र के कार्यकारिणी सदस्यों के बीच पहुंचकर मत मांगे। खास बात यह रही कि इस दौरान वे इसी बाजार में स्थित विजय गोयल के कार्यालय नहीं गए।