लोकसभा चुनाव : उम्मीदवारों को लेकर लगने लगे कयास, ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं चार सीट

लोकसभा चुनाव : उम्मीदवारों को लेकर लगने लगे कयास, ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं चार सीट
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2019 के चुनाव में भाजपा ने जीतीं थीं चारों सीट

ग्वालियर। अठाहरवीं लोकसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां अब शनै: शनै: तेज होंगी। अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा जहां अपने मिशन 2024 पर अमल तेज करने वाली है तो कांग्रेस भी अपनी गतिविधियां सुचारु कर रही है। इसके साथ ही जहां राजनीतिक दल संभावित उम्मीदवारों को तलाश रहीं हैं तो राजनीतिक गलियारे में उम्मीदवारों को लेकर कयास भी लगना शुरु हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जहां कलस्टर बनाकर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। मप्र में 4 -5 लोकसभा सीट पर एक कलस्टर बनाकर प्रभारी बनाया है। ग्वालियर -चंबल संभाग की ग्वालियर, भिण्ड-दतिया, श्योपुर-मुरैना व गुना-शिवपुरी सीट के कलस्टर का प्रभारी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बनाया गया है। भाजपा की नजर चारों सीटों पर है और पार्टी नेतृत्व भी संभावित उम्मीदवारों का अपने स्तर पर आंकलन कर रहा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाजपाजन व्यस्त हुए और अब प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा नेता लोकसभा चुनाव के मिशन में फिर जुटने जा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस विधानसभा चुनाव की पराजय से उपजी हताशा दूर कर कार्यकर्ताओं में जोश फूंक रही है तो तीन स्तर पर सर्वे कर संभावित उम्मीदवारों की तलाश कर रही है़। कांग्रेस ने लोकसभा प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। ग्वालियर, मुरैना व गुना के प्रभारी अपने -अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। भिण्ड के प्रभारी नितेन्द्र सिंह अभी क्षेत्र में सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी टीम के साथ भिण्ड, मुरैना,श्योपुर, दतिया, गुना, शिवपुरी व अशोकनगर का दौरा कर कार्यकर्ताओं की हताशा दूर करने आ चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी मार्च के प्रथम सप्ताह में अंचल में आने वाली है, उसकी तैयारी भी कांग्रेसजनों को चुनाव तैयारियों के साथ करनी है।

ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र

ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से अभी भाजपा के विवेक नारायण शेजवलकर सांसद हैं। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से भाजपा को ग्वालियर, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार और करैरा सीट पर जीत मिली तो कांग्रेस के उम्मीदवार ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर पूर्व, डबरा , पोहरी सीट पर विजयी रहे। राजनीतिक गलियारे में भाजपा की ओर से विवेक शेजवलकर की दावेदारी है तो अब केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी चर्चाओं में है। वहीं अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से उपजी राम लहर के चलते पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया की भी उम्मीदवारी की चर्चाएं शुरु हो गई हैं। श्री पवैया के अयोध्या कूच के भव्य कायक्रम से उनकी उम्मीदवारी की चर्चाओं ने और तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस की ओर से अशोक सिंह का नाम फिर चर्चा में है। लेकिन उन्हें तीन बार अवसर दिए गए और वह हर बार हार गए , जिससे उनकी उम्मीदवारी पर खतरा नजर आ रहा है। ग्वालियर पूर्व के विधायक सतीश सिकरवार और दक्षिण से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक के नाम की भी चर्चाएं राजनीतिक गलियारे में चल रही है। सिकरवार के परिवार से नीटू सिकरवार मुरैना सीट से दावेदार है तो उनके चाचा वृन्दावन सिंह सिकरवार भी मुरैना से दावेदार है, जिसके कारण सतीश सिकरवार की उम्मीदवारी कमजोर पड़ सकती है। वहीं चुनाव हारने के बाद प्रवीण पाठक भी घर बैठ गए हैं और उनकी गतिविधियां ठप्प हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से अध्यक्षी चले जाने और जीतू पटवारी के हाथ कमान आने से उनकी दमदारी से पैरोकारी करने वाला भी कोई नहीं है, सो उनकी दावेदारी भी खटाई में है। ऐसे में शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा भी जोरशोर से अपनी दावेदारी कर रहे हैं।

भिण्ड -दतिया लोकसभा सीट

भिण्ड -दतिया लोकसभा सीट से भाजपा की संध्या राय सांसद हैं। विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की 8 सीटों में से भिण्ड, मेहगांव, लहार, सेवढा़ पर भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार गोहद, अटेर , दतिया व भाण्डेर से चुनाव जीते। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।भाजपा से संध्या राय, लाल सिंह आर्य , भागीरथ प्रसाद, अशोक अर्गल के नाम की चर्चाएं हैं। कांग्रेस से विधायक फूलसिंह वरैया, मेवाराम जाटव भी प्रबल दावेदार हैं। भाजपा-कांग्रेस यहां नए चेहरों पर भी दांव लगाकर सभी को चौंका सकती है।

मुरैना लोकसभा क्षेत्र

मुरैना से पिछले चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र सिंह तोमर यहां से विजयी हुए थे। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में श्री तोमर दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते और विधानसभा अध्यक्ष बन गए जिसके कारण लोकसभा सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। यहां से भाजपा को अब नए सिरे से उम्मीदवार की तलाश करनी है। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और दिमनी विस क्षेत्र के निवासी वीडी शर्मा, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम चर्चाओं में चल निकले हैं। भाजपा यहां किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। कांग्रेस से वृन्दावन सिंह सिकरवार का नाम चर्चाओं में है। वह बसपा के टिकट पर2014 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और 2 लाख 42 हजार से अधिक मत हासिल कर चुके हैं। पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह (नीटू )सिकरवार भी चुनाव लडऩा चाहते हैं। भाजपा उनकी पसंद है। लेकिन राजनीति कुछ भी करा सकती है। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह लहार से विधानसभा चुनाव हारने के बाद चुनाव नहीं लडऩे का एलान कर चुके हैं। वह 2014 में मुरैना से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और तीसरे नबंर पर रहे थे, उनके नाम की चर्चा राजनीतिक गलियारे में है। कांग्रेस से विधायक रामनिवास रावत भी दावेदार हैं । वह भी लोकसभा चुनाव लडक़र हार चुके हैं। विधायक पंकज उपाध्याय व विधायक दिनेश गुर्जर पर भी कांग्रेस दांव लगा सकती है।

गुना-शिवपुरी

गुना-शिवपुरी सीट से भाजपा के केपी सिंह यादव सांसद हैं। पिछले चुनाव में यादव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया को पराजित किया था। श्री सिंधिया अब भाजपा में हैं और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। यहां से केपी सिंह यादव फिर दावेदार हैं। राजनीतिक गलियारे मे उनकी उम्मीदवारी मानी जा रही है। वहीं श्री सिंधिया के नाम की भी जनचर्चा है। हालांकि वह राज्यसभा के सदस्य हैं और तीन साल से अधिक का समय उनका शेष है़। पूर्व मंत्री यशोधरा राजे ने विधानसभा चुनाव लडऩे से मना कर दिया था। अब लोकसभा के लिए उनका नाम चर्चाओं में चल पड़ा है। कांग्रेस से पूर्व विधायक केपी सिंह के नाम की जनचर्चा है। वह विधानसभा चुनाव शिवपुरी सीट से लड़े और भाजपा के देवेन्द्र जैन से हार चुके हैं। कोलारस विधायक बैजनाथ सिंह, पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह , चंदेरी के पूर्व विधायक गोपाल सिंह चौहान के नाम भी जनचर्चाओं में बने हुए हंै।

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