ग्वालियर कलेक्टर ने लगाई प्रदर्शनकारी छात्रों की क्लास, सवाल सुन NSUI नेता की हुई बोलती बंद
ग्वालियर। जीवाजी विश्विविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई छात्र नेता की कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने क्लास ले ली। कलेक्टर द्वारा पूछे गए सवालों को सुनकर प्रदर्शनकारी नेताओं की बोलती बंद हो गई। इसी दौरान NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराज यादव ने ऐसा कुछ कह दिया कि कलेक्टर को गुस्सा आ गया और उसे गिरफ्तार कर थाने भिजवा दिया।
जानकारी के अनुसार, परीक्षा की तारीख को आगे बढ़वाने के एनएसयूआई छात्र नेता जीवाजी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों की मांग थी की परीक्षा को देर से शुरू किया जाए। ऑफलाइन-ऑनलाइन के असमंजस के चलते ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाई है। इसलिए हमें 15 दिन का समय दिया जाए। इस दौरान एक छात्र ने कहा कि उसकी तैयारी पूरी नहीं है। फिर क्या था कलेक्टर महोदय ने छात्रों की जमकर क्लास ले ली। वे कहते नजर आए कि पिता जी ने फीस भरी है तो पढ़ाई करनी चाहिए।
एमएससी के बाद पुलिस की नौकरी क्यों -
छात्रों से चर्चा के दौरान एक MSc केमेस्ट्री के छात्र से जब कलेक्टर ने पूछा की आप क्या करते है? जिसके जवाब में छात्र ने बताया की वहपुलिस आरक्षक की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इस पर कलेक्टर ने पूछ लिया की केमस्ट्री पढ़ने के बाद पुलिस में जाने का क्या फायदा है।कलेक्टर ने समझाइश देते हुए कहा की पीएचडी करो, रिसर्च करो वैज्ञानिक बनो। वहीँ दूसरे एलएलबी के छात्र से भी चर्चा की। जिसने बताया की वह अब पीजीडीसीए कर रहा है। इसके बाद कलेक्टर ने पूछा की बताए लॉ के बाद पीजीडीसीए का क्या लाभ है ? जिसे सुन छात्रों की बोलती बंद हो गई।
आपको पढ़ना चाहिए -
वहीँ एक अन्य छात्र से कलेक्टर ने पूछा कि ऑफलाइन परीक्षा से आपको क्या दिक्कत है। छात्र ने जवाब दिया की उसने पढ़ाई नहीं की है। इस कलेक्टर कहते नजर आए कि आपके पिता जी कालेज की फीस भरते हैं, तो आपको पढ़ना चाहिए। परीक्षा फिर चाहे जैसे हो।
NSUI नेता गिरफ्तार -
इसी दौरान NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराज यादव ने कलेक्टर से कह दिया आप दबाव बना रहे हो हम पर, इतना सुनते ही कलेक्टर और वहां उपस्थित पुलिस अधिकारी भड़क गए। जिसके बाद कलेक्टर ने छात्र नेता को गिरफ्तार कर थाने भिजवा दिया।
छात्रों के साथ खड़ा हूँ -
कलेक्टर ने छात्रों को विशवास दिलाया की मैं हमेशा जीनियस छात्रों से साथ खड़ा हूँ। जीवाजी विश्वविद्यालय ने छात्रों के प्रदर्शन और हंगामे के बाद परीक्षाओं को स्थगित कर 7 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया।