लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का ग्वालियर अपराध शाखा ने किया पर्दाफाश

लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का ग्वालियर अपराध शाखा ने किया पर्दाफाश
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राजस्थान में छिपे बैठे थे आरोपी

ग्वालियर। अपराध शाखा की टीम ने बैंक का कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड पर एक्टिवेशन चार्ज के नाम पर मोबाईल में एप्लीकेशन इंस्टॉल कराकर चार लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। गिरोह के दो आरोपी राजस्थान में छिपे बैठे थे, इसलिए पुलिस को अपना भेष बदलकर चार दिन तक राजस्थान में ही डेरा उालना पड़ा।

जानकारी के अनुसार फरियादी विशाल जैन (परिवर्तित नाम) ने पुलिस अधीक्षक से पिछले दिनों शिकायत करते हुए कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक का कर्मचारी बनकर उनके 4 लाख रूपए से ज्यादा पार कर दिए गए। इस पर एएसपी ऋषिकेश मीना को अपराध शाखा की सायबर क्राइम विंग से कार्यवाही करवाने के लिए निर्देश दिए गए। डीएसपी अपराध षियाज के.एम एवं डीएसपी अपराध द्वितीय नागेन्द्र सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अपराध निरीक्षक अमर सिंह सिकरवार द्वारा सायबर क्राइम विंग की टीम को लगाया गया। सायबर टीम ने ट्रान्जेक्शन संबंधी तकनीकी जानकारी एकत्रित की तो पता चला कि फरियादी के खाते से जो ट्रान्जेक्शन हुए हैं, वह राजस्थान में स्थित पेट्रोल पंप से फ्लीट कार्ड के माध्यम से राशि की निकासी की गई है। उक्त राशि से पेट्रोल पंप से एक दिन एक ही गाड़ी में 1,50,000 रूपए का डीजल डलवाया गया। पेट्रोलपंप पर कार्यरत कर्मचारियों की मिलीभगत से अपराध को अंजाम दिया गया है। जिस पर सायबर क्राईम विंग की एक टीम निरीक्षक राजेश सिंह तोमर के नेतृत्व में राजस्थान रवाना की गई। उक्त टीम 4 दिन तक जयपुर में रही व टीम ने अलग-अलग वेश भूषाओं में आरोपीगणों की रैकी कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पेट्रोलपंप का मैनेजर भी है आरोपी

पुलिस ने जिन दो आरोपियों को पकड़ा है, उसमें से एक आरोपी पेट्रोलपंप पर फिलर का कार्य करता था एवं दूसरा आरोपी पेट्रोलपंप पर मैनेजर है। फिलर आरोपी द्वारा कस्टमर या फरियादी से ठगी गई राशि को अपने फ्लीट कार्ड में डलवाकर उस राशि से डीजल खरीदकर अपना कमीशन काटकर सायबर फ्रॉडस्टरस को राशि कैश में उपलब्ध कराता था। मैनेजर आरोपी द्वारा इस वारदात को स्टॉक व लेजर तथा अपने पेट्रोल पंप के रिकार्ड में फ्रॉड की राशि से डीजल खरीदना दिखाया जाता था।

फिलर व मैनेजर को मिलता था कमिशन

फिलर तथा मैनेजर फ्रॉड ट्रान्जेक्शन की हुई राशि का कमीशन के रूप में 10-10 प्रतिशत लेते थे। आरोपीगणों द्वारा अभी तक कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटना की गई है उसकी जानकारी ली जा रही है।

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