वर्ष 1905 में मेला की शुरूआत सागरताल पर पशु मेला के रूप में हुई थी, अब अपने वैभव से पिछड रहा है मेला

वर्ष 1905 में मेला की शुरूआत सागरताल पर पशु मेला के रूप में हुई थी, अब अपने वैभव से पिछड रहा है मेला
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ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर का व्यापार मेला एक प्रसिद्ध मेला है। इस मेला को देखने के लिए लोग दूर दराज से यहां आते हैं। मेला के संस्थापक महाराज माधौराव सिंधिया वर्ष 1905 में मेला की स्थापना की थी जिसे आज लगभग 117 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस मेला की शुरूआत सागरताल पर पशु मेला के रूप में 50 हजार वर्ग फीट के मैदान में हुई थी, क्योंकि वहां पानी की सुविधा उपलब्ध थी। उस समय पूरी रियासत अकाल से पीडि़त थी। कारोबार चौपट हो गया था। रोजी रोटी की समस्या पैदा हो गई थी। ऐसे विपरीत समय में क्षेत्र की जनता की माली हालत सुधारने के लिए इस पशु मेला की शुरूआत हुई। इसके बाद ग्वालियर का मेला प्रति के सौपान पर आगे बढ़ता ही चला गया। लेकिन आज वर्तमान में ग्वालियर का व्यापार मेला औपचारिक मेला बनकर ही रह गया है। ग्वालियर का व्यापार मेला दुर्दशाओं का शिकार हो रहा है। मण्डल का गठन नहीं होने के कारण इसका रख रखाव भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है।

वर्ष 1918 में हुई थी इसकी स्थाई स्थापना:-

पशु मेला को ग्रामीण और शहरीय क्षेत्रवासियों की लोकप्रियता मिलने पर और इसके व्यवसायिक रूप में भी विकसित होने पर वर्ष 1918 में इसकी स्थाई व्यवस्था के लिए ग्वालियर नगर के हृदय स्थल वर्तमान में रेस-कोर्स रोड पर 104 एकड़ में विस्तृत भू-भाग में आवश्यक सुविधाओं के साथ अधौसंरचना का निर्माण कराया गया। तब इसे व्यापार मेला एवं कृषि प्रदर्शनी के नाम से जाना जाता था। कहते हैं कि ग्वालियर मेला के संस्थापक स्व. माधवराव सिंधिया प्रथम मेले का जायजा लेने घोड़े पर सवार होकर वेश बदलकर जाया करते थे। मेले में आने वाले व्यापारियों से प्रत्यक्ष चर्चा कर उनके नफा नुकसान की जानकारी भी लेते थे।

104 एकड़ में फैला है यह मेला:-

ग्वालियर व्यापार मेला 104 एकड़ में फैला हुआ है। इस मेला में स्थाई व अस्थाई कुल मिलाकर 2000 दुकानें हैं। देश की राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान से सिर्फ 5 एकड़ छोटा यह मेला क्षेत्रफल के आधार पर देशभर में अद्धितिय माना जाता है। व्यापार मेला के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने और निर्यात बढ़ाने के लिए यहां प्रदेश का पहला एक्सपोर्ट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किया गया लेकिन इसका आज कोई उपयोग नहीं हो रहा है। फैसिलिटेशन सेंटर वीरान पड़ा हुआ है और इसके बाहर मैदान में शिल्प बाजार लगाया जा रहा है, जहां एक दुकान का किराया 15 हजार रुपए तक वसूला जा रहा है।

मेला में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी भी आ चुके हैं:-

ग्वालियर व्यापार मेला में वैसे तो देश की कई बड़ी हस्तियां यहां आ चुकी हैं। लेकिन इन सब में खास ग्वालियर के सपूत, देश के प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी भी मेला में आ चुके हैं।

पांच जनवरी को होगा मेला का शुभारंभ:-

ग्वालियर व्यापार मेला का शुभारंभ पांच जनवरी को सायं 6:30 बजे मेला कला रंगमंच पर होगा। इस शुभारंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ऑनलाइन जुड़ेंगे। शुभारंभ में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, सूक्ष्म लघु एवं उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, महापौर शोभा सिकरवार आदि गणमान्यजन उपस्थित रहेंगे।

31 जनवरी से 4 फरवरी तक आयोजित होंगे आयोजन:-

एसोसिएशन ऑफ ग्वालियर यूथ सोसाइटी एवं ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय महिला महोत्सव आयोजित किया जाएगा। महिला महोत्सव की जानकारी देते हुए डॉ. शिखा कट्हल ने बताया की यह आयोजन 31 जनवरी से 4 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। इस महिला महोत्सव के तहत विभिन्न आयोजन आयोजित किए जाएंगे। इसमें सर्वप्रथम 31 जनवरी मंगलवार को फायर लेस कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में 1 फरवरी को नृत्य प्रतियोगिता दो फरवरी को चेयर रेस, मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता एवं हाउजी, तीन फरवरी को महिलाओं के लिए कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। चार फरवरी को महिलाओं की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं कैटवॉक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

शोरूम तैयार होने के बाद ही मिलेगी वाहनों पर पंजीयन शुल्क की छूट:-

ग्वालियर व्यापार मेला में वाहनों के पंजीयन शुल्क पर 25 दिसंबर से 50 प्रतिशत की छूट मिलना थी जो की अभी तक मिलना शुरू नहीं हुई है। छूट नहीं मिलने का मुख्य कारण वाहनों के शोरूमों और आरटीओ ऑफिस का तैयार नहीं होना है। संभवत: छूट मिलने के लिए लोगों को अभी चार से पांच दिन का और इंतजार करना पड़ सकता है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एचके सिंह ने कहा कि जब तक वाहनों के शोरूम तैयार नहीं हो जाते तब तक हम पंजीयन शुल्क पर छूट नहीं दे सकते हैं।

मेला में हुआ सुंदरकाण्ड का पाठ:-

मेला व्यापारी संघ द्वारा मंगलवार को ग्वालियर व्यापार मेला परिसर स्थित हनुमान मंदिर में संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें पीआर म्यूजिक ग्रुप मंडली के सदस्यों द्वारा संगीतमय प्रस्तुतियां दी गईं। इस आयोजन में ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के अधिकारीगण, कर्मचारी आदि उपस्थित थे। फोटो 211 और 214



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