ग्वालियर के निजी अस्पताल संचालक CMHO के निर्देशों की उड़ा रहे धज्जियां
अस्पताल की मान्यता निरस्त, मरीज नहीं भर्ती करने के निर्देश, निरीक्षण में मिले मरीज
ग्वालियर/वेब डेस्क। प्रशासन के निर्देश पर जिले में भले ही निजी अस्पतालों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व उनकी टीम द्वारा लगातार निरीक्षण कर निर्देश जारी करने में लगे हुए हैं। लेकिन निजी अस्पताल संचालक सीएमएचओ के निर्देशों की ही धज्यिां उड़ाने में लगे हुए हैं। जिसका एक मामला मंगलवार को तब सामने आया जब डॉ. प्रतीक दुबे शिंदे की छावनी स्थित न्यू लाइन अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंची। यहां उन्होंने देखा कि मान्यता निरस्त होने के बाद भी अस्पताल में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास पूर्व में शिकायत पहुंची थी कि न्यू लाइफ अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। जबकि अस्पताल के पास संक्रमित मरीजों को भर्ती करने की अनुमति ही नहीं थी। शिकायत की जांच में सामने आया था कि अस्पताल के एक संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद भी परिजनों को मरीज की रिपोर्ट से अवगत नहीं कराया गया और शव थमा दिया था। जिसको लेकर 12 मई को सीएमएचओ द्वारा अस्पताल की मान्यता निरस्त कर दी गई और भर्ती मरीजों को अन्य जगह रैफर करने के निर्देश भी दिए गए। लेकिन 19 मई को जब टीम दोबारा निरीक्षण करने पहुंची तो पांच मरीज भर्ती मिले थे, इसलिए टीम ने चिकित्सक को समझाइश दी कि मरीजों को भर्ती करना बंद कर दें। इतना ही नहीं मंगलवार को जब एक बार फिर टीम निरीक्षण के लिए पहुंची तो यहां दो मरीज भर्ती मिले, जिन्हें ड्रिप लगी हुई थी। इसको लेकर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सजीव थरेजा ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ ओपीडी ही संचालित की जा रही है। जबकि अस्पताल के पास ओपीडी चलाने के लिए भी पंजीयन नहीं है।
के.एम. अस्पताल में भी किए जा रहे भर्ती
पड़ाव स्थित के.एम. अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 11 मई को निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान टीम को अस्पताल में तमाम अव्यवस्थाएं मिली। साथ ही अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारी मरीजों से पैसे भी जमा कराए जा रहे थे। इस पर सीएमएचओ द्वारा उक्त अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन के.एम. अस्पताल में भी मरीजों को भर्ती कर जमकर लूटा जा रहा है। जिसको लेकर अब स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।