सरकारी अस्पतालों के प्रति जनता के विश्वास को आगे भी कायम रखें : प्रभारी मंत्री सिलावट
ग्वालियर। कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर की चुनौती हम सबके सामने है। इसलिए पुख्ता रणनीति के तहत और तेजी के साथ सभी इंतजाम किए जाएं। कोरोना संकट के दौरान सरकारी अस्पातलों के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। हमारे प्रयास ऐसे हों कि यह विश्वास और मजबूत हो।यह बात जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गुरुवार को जिले में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुए कही। जनप्रतिनिधिगणों एवं अधिकारियों की इस संयुक्त बैठक में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह व सांसद विवेक नारयण शेजवलकर भी मौजूद थे।
प्रभारी मंत्री सिलावट ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिये ग्वालियर जिले की पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया और बधाई देते हुए कहा कि कोरोना के आगामी संकट से निपटने के लिये कोई भी कार्य कागज पर न रह जाए। उसके नतीजे सामने दिखना चाहिए। उन्होंने जिले में निर्माणाधीन सभी ऑक्सीजन प्लांट हर हाल में दो माह के भीतर पूर्ण करने पर विशेष बल देते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी प्राथमिकता के साथ ऑक्सीजन प्लांट लगवाए जाएं।
मानव संसाधन की पूर्ति के लिए प्रस्ताव तैयार करें -
सिलावट ने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्थाएं भी बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कलेक्टर से कहा कि सरकारी अस्पतालों में मानव संसाधन की पूर्ति के लिए प्रस्ताव तैयार करें। वे सांसद, जिले के मंत्रिगण एवं अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर मानव संसाधन की पूर्ति के लिये स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारियों के साथ भोपाल में बैठक करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इस संबंध में आग्रह किया जाएगा।
6 हजार बैड की उपलब्धता का इंतजाम -
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखकर मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिये जिले में 2 हजार कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के अस्पतालों में लगभग 6 हजार बैड की उपलब्धता का इंतजाम कर लिया गया है। जिसे जरूरत पड़ने पर आसानी से 8 हजार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सरकारी एवं निजी अस्पतालों के अलावा 53 नर्सिंग कॉलेज में भी ऑक्सीजन व स्टाफ सहित बैड की व्यवस्था कराई जा रही है।
ऑक्सीजन भण्डारण की क्षमता -
कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिले के सरकारी अस्पतालों में 9 ऑक्सीजन प्लांट निर्माणाधीन हैं, इनमें से कुछ पूर्ण हो चुके हैं शेष दो माह के भीतर पूर्ण हो जायेंगे। जिले में 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भण्डारण की क्षमता विकसित कर ली गई है। ऑक्सीजन प्लांट के अलावा 2200 सिलेण्डर वर्तमान में उपलब्ध हैं और एक हजार का इंतजाम किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ किशोर कान्याल ने कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिये बनाई गई जिले की रणनीति पर विस्तार से प्रजेण्टेशन दिया।
जनप्रतिनिधियों ने दिए ये सुझाव -
राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने ग्रामीण अंचल के हर विधानसभा क्षेत्र के कम से कम एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सी टी स्कैन मशीन की व्यवस्था करने का सुझाव रखा। साथ ही ग्रामीण अस्पतालों में रिक्त पदों की जल्द पूर्ति कराने की बात कही।
सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने तात्कालिक रूप से अनुबंध के आधार पर मानव संसाधन का इंतजाम, डबरा के अस्पताल में 15 अगस्त तक आईसीयू और ऑक्सीजन प्लांट चालू कराने पर बल दिया। साथ ही कहा यहां के अस्पताल भवन का निर्माण भी जल्द पूर्ण कराया जाए।
पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने सुझाव दिया कि मेडीकल कॉलेज में ऑटोनोमस बॉडी के जरिए और जिला चिकित्सालय व अन्य अस्पतालों में शासन स्तर से पदों की पूर्ति के लिये जल्द से जल्द प्रयास किए जाएं। मिश्रा ने कोविड वार्डों में भर्ती मरीजों के लिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर्स की सलाह और अटेण्डर्स के ब्रीफिंग की व्यवस्था करने का सुझाव रखा।
पूर्व मंत्री इमरती देवी ने डबरा अस्पताल के उन्नयन और आईसीयू व्यवस्था मजबूत करने की सलाह दी। जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष मनीषा यादव ने मोहना में प्रसूति सुविधाएँ मुकम्मल करने का सुझाव रखा।
पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने ग्वालियर जिले के लिए वैक्सीन डोज बढ़ाने का सुझाव रखा। पूर्व विधायक मदन कुशवाह ने जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन चालू कराने, जिला चिकित्सालय में 20 बैड का आईसीयू जल्द शुरू करने, बेहट अस्पताल भवन का निर्माण शुरू करने और हस्तिनापुर में एम्बूलेंस की व्यवस्था करने का सुझाव रखा। राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह एवं कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि इनमें से अधिकांश काम हो चुके हैं।