प्रदेश में ग्वालियर सबसे ठंडा रहा, न्यूनतम पारा 3.6 डिग्री पर, अभी और बढ़ने के आसार

प्रदेश में ग्वालियर सबसे ठंडा रहा, न्यूनतम पारा 3.6 डिग्री पर, अभी और बढ़ने के आसार
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मौसम विज्ञानी इसके पीछे उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी और वहां से आ रहीं बर्फीली हवाओं को मुख्य वजह

ग्वालियर। उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी क्षेत्रों में दिखने लगा है। उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत को कड़ाके की ठंड ने अपने आगोश में ले लिया है। मध्यप्रदेश में भी पिछले दो-तीन दिन से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ग्वालियर में सोमवार का दिन न केवल वर्तमान मौसम का सबसे कम तापमान वाला दिन रिकॉर्ड किया गया बल्कि 3.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ ग्वालियर प्रदेश में सबसे ठंडा दिन भी रहा। मौसम विभाग ने मंगलवार को ग्वालियर एवं दतिया जिलों में शीत लहर की चेतावनी जारी की है।

ग्वालियर में पिछले दिनों की अपेक्षा ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ गया है। मौसम विज्ञानी इसके पीछे उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी और वहां से आ रहीं बर्फीली हवाओं को मुख्य वजह बता रहे हैं। स्थानीय मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि दिसम्बर के अंत में ठंड हर साल बढ़ती है। पिछले साल 30 दिसम्बर 2021 को ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि अगले दो दिन में न्यूनतम तापमान में और गिरावट संभव है क्योंकि 25 दिसम्बर को आए पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है और वहां से ठंडी हवाएं ग्वालियर-चंबल अंचल की ओर आ रही हैं। आगामी 29 दिसम्बर को एक और पश्चिमी विक्षोभ आएगा।

इसके प्रभाव से भी पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होने की संभावना है। ऐसे में कड़ाके वाली ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है। जनवरी की शुरुआत में ठंड के तेवर और भीषण होने की संभावना है। इस दौरान न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की अपेक्षा सोमवार को न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 3.6 डिग्री सेल्सियस पर ही ठिठक गया, जो औसत से 3.5 डिग्री सेल्सियस कम है, जबकि अधिकतम तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस आंशिक गिरावट के साथ 21.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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