ग्वालियर महापौर विपक्ष के कारण नहीं कर पा रहीं संकल्प पूरा
ग्वालियर,न.सं.। ग्वालियर नगर निगम चुनाव के 346 दिन बीत जाने के बाद भी चुनाव के समय नगर सरकार ने जो वादे किए थे, वह राजनीति के चलते आगे नहीं बढ़ सके हैं। एक ओर जहां गार्बेज शुल्क और जलकर माफी को लेकर एमआईसी ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन परिषद की ओर से कोई स्वीकृति नहीं मिली है। उधर विपक्ष ने अभियाचित बैठक में गार्बेज शुल्क और जलकर माफी दोनों बिंदुओं को शामिल किया गया है। विधान चुनाव को देखते हुए शासन स्तर पर अगर इन दोनों बिंदुओं को स्वीकृति मिलती है तो विपक्ष इसे अपनी जीत बता सकता है। नगर निगम चुनाव के बाद कांग्रेस की निगम परिषद बनने के बाद गार्बेज शुल्क पूरी तरह से हटाया जाएगा। संपत्तिकर के स्लेब में बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य वादे किए गए थे, लेकिन परिषद में बहुमत नहीं होने के कारण कांग्रेस अपने वादे पूरे करने में असमर्थ नजर आ रही है और इसका लाभ विधानसभा चुनाव में विपक्ष को मिल सकता है।
महापौर ने बीती 1 अगस्त को ली थी शपथ-
डॉ. शोभा सिकरवार ने एक अगस्त को महापौर पद की शपथ ली थी। उन्होंने तब अपने संक्षिप्त भाषण में कहा था कि वे अपने संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में पूरी जान झोंकेंगी और शहर स्वच्छ और सुंदर हो इसके लिए प्रयास भी करेंगी। वे शपथ लेने के बाद सीधे दलित बस्ती गई थीं और झाड़ू लगाकर स्वच्छता के अपने संकल्प को दोहराया भी था।
सीवर और पेयजल की समस्या से दिलाई निजात: सिकरवार
ग्वालियर शहर में चारों तरफ सडक़ें खुदी पड़ीं हैं, इनको लेकर ऊर्जा मंत्री ने चप्पल पहनना छोडक़र इनकी चर्चा देश भर में करवा दी थी, हालांकि बाद में उन्होंने तो चप्पल पहन ली, लेकिन सडक़ों की हालत वैसी ही रही। महापौर डॉ. शोभा सिकरवार अपने 346 दिन के कार्यकाल को लेकर बताती हंै कि इतना बेहतर तो नहीं हुआ, लेकिन एक साल के अंदर बहुत कुछ बदलाव हुए हंै। उन्होंने कहा कि काम को लेकर मैं पूरी तरह से जनता का सहयोग कर रही हूं। समय-समय पर कार्य हो भी रहे हंै। हमने इतने दिनों में कई समस्याओं से निजात पाई है, जैसे सीवर की समस्या के अलावा कई इलाको में पेयजल की समस्या का निराकरण कराया है। उनका दावा है कि स्वच्छता को लेकर पहले दिन से ही काम कर रहे हैं।
हमने अपनी तरफ से जलकर माफ कर दिया-
जलकर माफी के लंबित मामले पर महापौर का कहना है कि सम्पति कर माफी के संकल्प के पालन में हमने इसे एमआईसी से पास करके परिषद में भेज दिया है, लेकिन परिषद से अभी स्वीकृति नहीं मिली है। जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी।
एक महीने पहले दिया था धरना-
कांग्रेस महापौर शोभा सिकरवार ने एक महीने पहले फूलबाग चौराहे पर भाजपा सरकार के खिलाफ धरना दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की नगर सरकार है, मेयर इन काउंसिल में भेजे प्रस्तावों पर भाजपा सरकार अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने कहा था कि भाजपा सिर्फ ग्वालियर की जनता के साथ ही नहीं एक महिला महापौर के साथ भी सौतेला व्यवहार कर रही है।
अधिकारी नहीं दे रहे प्रस्ताव-
महापौर ने नगर निगम कर्मचारियों को छठवां-सातवां वेतनमान देने के लिए महापौर ने कई बार अधिकारियों से प्रस्ताव मांगा था, मगर प्रस्ताव नहीं दिया गया हैं। आद्यौगिक इकाईयों को सम्पतिकर के परिक्षेत्र तीन में शामिल करने एवं धार्मिक स्थलों पर सम्पतिकर नहीं लगाए जाने का भी मेयर इन काउंसिंल ने निर्णय लिया है, इस प्रस्ताव को रोक कर रखा गया है।
यह किए संकल्प पत्र में वादे-
-कांग्रेस की निगम परिषद बनने के बाद गार्बेज शुल्क पूरी तरह से हटाया जाएगा। संपत्तिकर के स्लेब में बदलाव किया जाएगा।
-बकाया जलकर माफ किए जाएंगे, साथ ही जलकर को कम किया जाएगा। 500 वर्गफीट के मकान पर भवन निर्माण शुल्क हटाया जाएगा।
-ठेला व्यापारियों एवं फुटपाथ के लिए हाट बाजार व हॉकर्स जोन बनाए जाएंगे।
-1000 शिक्षित बेरोजगार युवक व युवतियों को हर साल रोजगार के लिए
पचास-पचास हजार रुपए दिए जाएंगे।
-पार्कों में सौंदर्यीकरण,पेयजल, लाइट आदि लगाई जाएगी। शहर में धूल मुक्त सडक़ों का निर्माण, साथ ही दोनों ओर हरियाली पट्टी लगाई जाएंगी।
-शहर की गौशालाओं को आधुनिक किया जाएगा। ककैटो, पेहसारी व चंबल से पानी लाने के कार्य को गति दी जाएगी।
-वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस को भव्य रूप से मनाया जाएगा।
-निगम के संग्रहालय को आधुनिक बनाया जाएगा। जिससे सैलानी आएं। रैन बसेरा को सुधारा जाएगा और बेहतर भोजन दिया जाएगा। भवन नामांतरण के नियमों का सरलीकरण किया जाएगा।