विपक्षी पार्षद ने महापौर पर सांठ-गांठ के आरोप लगाए तो महापौर ने महिला को टरगेट व कार्रवाई की दी हिदायत

विपक्षी पार्षद ने महापौर पर सांठ-गांठ के आरोप लगाए तो महापौर ने महिला को टरगेट व कार्रवाई की दी हिदायत
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अभियाचित बैठक बनी मजाक, डेढ़ घंटे में सिर्फ एक बिंदु पर हुई चर्चा

ग्वालियर। पिछले दो महीने से चल रही अभियाचित बैठक को विपक्षी पार्षदों ने मजाक बना दिया है। शुक्रवार को आयोजित परिषद की अभियाचित बैठक में सिर्फ एक ही बिंदु पर डेढ़ घंटे तकि चर्चा होती रही। उसमें भी विपक्षी पार्षद सिर्फ निगम अधिकारियों को टारगेट करते नजर आए। सभापति के बार-बार कहने के बाद भी विपक्षी पार्षद चर्चा से दूर भागते नजर आए।

उधर दीनदयाल नगर में सडक़ निर्माण को लेकर विपक्षी पार्षद ने महापौर पर सांठगांठ के आरोप लगा डाला। मामला इतना बढ़ गया कि महापौर ने विपक्षी पार्षद से कहा कि सांठ-गांठ वह खुद करते होंगे अगर महिला पर उंगली उठाई तो कार्रवाई होगी। कार्रवाई की बात सुुन विपक्षी पार्षद भड़क़ गए व हंगामा करने लगे। हंगामा होता देख सभापति मनोज तोमर ने बैठक को 4 मार्च दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।शुक्रवार की दोपहर 3 बजे जलबिहार स्थित परिषद में अभयाचित बैठक के 10वें बिंदु से बैठक शुरू हुई और तभी पार्षद बृजेश श्रीवास व मोहित जाट हाथ में तख्ती लेेकर सभापति की आंसदी के सामने बैठ गए।सभापति ने दोनों पार्षदों से जगह पर बैठने को कहा, लेकिन दोनों नहीं उठे, जिस पर सभापति ने बैठक को दो मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष के कहने पर दोनों पार्षद अपनी जगह पर पहुंचे तो सभापति ने सभी से दो-दो मिनट में अपनी बात रखने को कहा। बृजेश श्रीवास ने कहा कि आसंंदी से जो ठहराव हो रहे है उनका पालन नहीं किया जा रहा है। तो सभापति ने कहा कि परिषद की निर्णय अंतिम निर्णय नहीं होता यह बात कहकर उन्होनें बृजेश श्रीवास से बैठनेे को कहा। बैठक में पार्षद देवेन्द्र सिंह राठौर द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान लगाए टेंडरों में उपायुक्त अमर सत्य गुप्ता द्वारा गड़बड़ी के कई दस्तावेजों का हवाला देकर आरटीआई में भी जानकारी न देने की बात रखी।

बार-बार बोलने से रोका तो बैठक छोड़क़र गए

सभापति मनोज तोमर ने सभी को दो-दो मिनट में अपनी बात रखने को कहा, बृजेश श्रीवास बोलने के बाद भी जब दुबारा बोलने को हुए तो सभापति ने कहा कि आप अपनी बात रख चुुके है, जिस पर बृजेश श्रीवास बैग उठाकर बैठकर छोड़क़र चले गए।

16 लाख का खाना श्रमिकों को खिलाया

बिंदु क्रमांक 10 पर पार्षद देवेन्द्र राठौर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में 16 लाख श्रमिकों को खाना खिला दिया गया। आरटीआई में जानकारी मांगी जाती है तो वह दी ही नहीं जाती। मोहित जाट ने कहा कि एक ही काम के टेंडर निगम, स्मार्ट सिटी व पीआईयू से किए जा रहे है। अर्पणा पाटिल ने कहा कि 1.99 करोड़ खर्च कर सीएंडडी प्लांट चालू नहीं है और प्लांट लगाने के बाद अधिकारी सो गए है। बाद में निगमायुक्त हर्ष सिंह ने स्वच्छता के लिए 224 डोर-टू-डोर होने के बाद 25 नई खरीद हो रही है। प्लांट बंद है उन्हें चाललू कराया जाएगा। बाद सभापति ने स्वच्छता में बताई कमियों को दूर करने व 15 दिन में जानकारी देने के निर्देश दिए गए।

एक दिन में कैसे हो सकती है 40 श्वानों की नसबंदी

नेताप्रतिपक्ष हरिपाल ने कहा कि एक दिन में 40 श्वानों की नसबंदी कैसे हो सकती है। ऑपरेशन कर श्वानों को छोड़़ दिया जाता है। जिस पर निगमायुक्त हर्ष सिंह ने कहा कि एबीसी सेंटर के टेंडर निरस्त कर दिए गए है। इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। तो नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि निगमायुक्त अधिकारियों को बचा रहे है।

अविश्वास प्रस्ताव क्यों नहीं लाते

नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि आदेश का पालन नहीं हो रहा है, ऐसे में हम सभी पार्षदों को इस्तीफा देना चाहिए। निगमायुक्त पार्षदों की अनदेखी कर रहे है। तो सभापति ने नेताप्रतिपक्ष से कहा कि अनदेखी हो रही है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आओ।

झलकियां

  • -नेताप्रतिपक्ष की भी सुुनने को तैयार नहीं पार्षद
  • -जब पार्षद बृजेश श्रीवास बैठक छोडक़र जाने लगे तो विवेक त्रिपाठी ने उन्हें रोकना चाहा, तो सभापति मनोज तोमर ने कहा कि क्यों रोक रहे है जाने दीजिए।
  • -बैठक स्थगित होने के बाद नेता प्र्रतिपक्ष हरिपाल व पार्षद अनिल सांंखला महापौर से माफी मांगते नजर आए।
  • -सत्ता पक्ष के पार्षद निगम अधिकारियों के कामो की तारीफ करते नजर आए।
  • -पत्रों का जवाब नहीं मिलने पर पार्षद भावना कन्नोजिया ने कहा कि वह वार्ड में किस मुंह से जाएं। बैठक में वह कान पकड़क़र माफी मांगती नजर आई।

पार्षदों की पसंद बने डब्ल्यूएचओं

एक दिन पूर्व कुछ डब्ल्यूएचओं के वार्ड बदल दिए गए। जिस पर अधिकत्तर पार्षद अपने वार्ड में पुराने डब्ल्यूएचओं की मांग करते नजर आए।

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