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Gwalior PHE Scam: ₹85 करोड़ के घोटाले में 70 से अधिक आरोपियों से पूछताछ करेगी सीबीआई, छह आरोपी हिरासत में

ग्वालियर शहर में पीएचई विभाग संभाग क्रमांक 01 में वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच ₹18.92 करोड़ के फर्जी भुगतान का मामला 27 जुलाई 2023 को प्रकाश में आया है।

Gwalior PHE Scam: ₹85 करोड़ के घोटाले में 70 से अधिक आरोपियों से पूछताछ करेगी सीबीआई, छह आरोपी हिरासत में
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Gwalior PHE Scam: ग्वालियर। ग्वालियर में पीएचई (लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी) विभाग में हुए करीब ₹85 करोड़ के घोटाले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को कुछ अहम सुराग मिले हैं। सुरागों के आधार पर टीम ने गहन पूछताछ शुरू कर दी है और इस घोटाले से जुड़े सप्लायरों और कुछ कर्मचारियों समेत 70 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की संभावना है।

फिलहाल ग्वालियर में क्राइम ब्रांच की जांच में पीएचई को विभिन्न सामान सप्लाई करने वाली 25 फर्म, 45 खाताधारक और कुछ कर्मचारियों की पहचान हुई है। घोटाले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इस बीच, वित्त के संयुक्त निदेशक ने अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे अगले एक सप्ताह में वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।

ग्वालियर पीएचई घोटाले के बारे में

यह घोटाला ग्वालियर के पीएचई विभाग संभाग क्रमांक 01 में वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच ₹18.92 करोड़ के फर्जी भुगतान से उपजा है, जिसका खुलासा 27 जुलाई 2023 को हुआ था। इस मामले में अब तक पीएचई के दो ईई (कार्यपालक अभियंता) समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले की जांच पीएचई और ट्रेजरी (वित्त विभाग) की टीमें कर रही हैं।

जांच के दौरान 81 बैंक खातों से 65 खाताधारकों और 9 अधिकारी-कर्मचारियों को किए गए भुगतान का खुलासा हुआ और कार्रवाई के लिए 74 लोगों की सूची पुलिस को सौंपी गई है। अब जांच का दायरा बढ़ाकर वर्ष 2011-12 में किए गए भुगतानों को भी शामिल कर लिया गया है, जिससे यह संदेह बढ़ गया है कि घोटाला ₹84.92 करोड़ तक पहुंच सकता है।

पीएचई विभाग द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में आनाकानी

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत पुलिस को 2018-19 से 2023-24 तक के बिल, स्वीकृति आदेश और फर्म विवरण की प्रतियों की आवश्यकता है। क्राइम ब्रांच की टीम प्रतिदिन पीएचई कार्यालय के चक्कर लगा रही है, लेकिन 11 महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें पीएचई विभाग से आवश्यक दस्तावेज नहीं मिल पाए हैं।

Updated : 10 Jun 2024 11:49 AM GMT
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Anurag Dubey

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