ग्वालियर रेलवे: पार्सल की नहीं होती जांच, बिल देखकर सामान की होती है डिलीवरी
ग्वालियर,न.सं.। रेलवे स्टेशन से होकर हर दिन भारी भरकम, बोरे बंद सामानों का परिवहन यात्री ट्रेनों में हो रहा है। लेकिन इन बंद सामानों की जांच करने की फुर्सत किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को नहीं है। सामानों की जांच करने के लिए उपयुक्त मशीनों का भी अभाव है। लिहाजा लोगों की सुरक्षा दांव पर है। पार्सल के अंदर विस्फोटक है या कुछ और इसका पता नहीं रहता है। स्टेशन से हर दिन एक दर्जन ट्रेनों में पार्सल की बुकिंग होती है। यहां से बंगाल, गुजरात, जम्मूतवी, दिल्ली स्टेशनों के लिए पार्सल बुक होते हैं।
रेलवे का पार्सल विभाग बिना कोई जांच के ही ग्वालियर से बाहर के राज्यों में सिर्फ नाप-तौल व भेजने वाले का नाम व बताए पते के आधार पर भेजता है। इन समानों को कभी भी मेटल डिटेक्टर से चेक नहीं किया जाता है।
हालत यह है कि पार्सल घर में सामान को चेक करने वाला स्कैनर भी नहीं है, जिससे सामान को देखा जा सके। जबकि नियम के अनुसार सभी समानों को विधिवत देखने के बाद ही उसे स्वीकृति देनी है। कई राज्यों से ट्रेन से सामान आते हैं, जिसमें कपड़ा, फल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान भी रहते हैं।
नहीं सतर्क है विभाग, जांच मशीन जरूरी-
व्यापारियों व रेल यात्रियों को समान लाने या भेजने को लेकर रेलवे ने पार्सल की व्यवस्था की है। पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग नहीं हो और पार्सल कोच तक प्रतिबंधित सामान नहीं पहुंचे इसको लेकर पार्सल इंचार्ज की नियुक्ति की गई है। जो एक-एक पार्सल की जांच करने के साथ-साथ लोड करने की अनुमति देते हैं। लेकिन, बुकिंग पार्सल पैकेट में क्या सामान है। बुकिंग करने से पहले पार्सल पैकेट की स्कैन नहीं किया जाता है। इस स्थिति में विस्फोटक सामान की भी पार्सल में बुकिंग करा कर अप्रिय घटना का अंजाम दिया जा सकता है।
इन ट्रेनों में पार्सल की बुकिंग-
-बुंदेलखंड एक्सप्रेस
-अहमदाबाद एक्सप्रेस
-पुणे एक्सप्रेस
-बरौनी मेल
-झेलम एक्सप्रेस
-शताबदी एक्सप्रेस
-गोवा एक्सप्रेस
-पंजाब मेल
-मंगला एक्सप्रेस