जुलाई भी गुजरा, अब शायद ही आए टीम, रिकॉर्ड पर मिल सकती है रैंकिंग
ग्वालियर,न.सं.। लगता है इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण कागजों पर ही निपट जाएगा। जून के आखिरी सप्ताह में प्रारंभ हुए सर्वेक्षण के लिए 30 जुलाई तक की डेड लाइन थी। यह भी गुजर चुकी है। इसमें अभी प्रदेश के किसी भी नगरीय निकाय में सर्वे नहीं हुआ है। हालांकि नगर निगम अमले ने स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर अपनी तैयारियां कर ली थीं, लेकिन बारिश भी लगातार हो रही है, जिससे कुछ कामों में परेशानी आ रही थी।
बारिश के चलते संभावना जताई जा रही है कि इस बार निकायों द्वारा हर तीन माह में भरे जाने वाले एमआईएस के आधार पर ही रैंकिंग दी जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों द्वारा लगातार अलर्ट किया जा रहा है कि सर्वे कभी भी हो सकता है। अधिकारियों की मानें तो 12 अगस्त के आसपास सर्वे हो सकता है। पहली जुलाई से शुरू होने के बाद संभावना थी कि एक सप्ताह में फील्ड असेसमेंट होने लगेगा, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
10 लाख की आबादी वाले स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग 2022 में 7500 अंकों में से 5205 अंक मिले और ग्वालियर 18वीं रैंकिंग पर पहुंच गया था। वहीं देशभर के शहरों की बात करें तो ग्वालियर को बीते वर्ष 42वीं रैंकिंग से फिसलकर 53वें नबंर पर आ गया था।स्वच्छता सर्वेक्षण छह माह की देरी से हो रहा है इस बार मुकाबला इसलिए भी कड़ा है क्योंकि एक तो सर्वेक्षण के मापदंड सख्त करने के साथ ही सरकार ने अंक भी 7500 से बढ़ाकर 9500 कर दिए हैं। दूसरे मानसून सक्रिय हो चुका है। ऐसे में बारिश ने सफाई व्यवस्था पर पानी फेर दिया है, जिसका असर रैंकिंग पर पड़ सकता है। यह पहला मौका है जब स्वच्छता सर्वेक्षण छह माह की देरी से हो रहा है। सामान्यत: थर्ड पार्टी की टीम जनवरी में फिजिकल वेरिफिकेशन करने आती है।
इन बिंदुओं पर भी परखी जाएगी व्यवस्था
सिटीजन फीडबैक के अलावा शहर की सफाई व्यवस्था और सर्वेक्षण की तैयारियों के लिए सर्वेक्षण टीम अन्य बिंदुओं पर भी डाटा जुटाएगी। इसमें पार्कों या पहाड़ों की सफाई, आत्मनिर्भर वार्ड, ब्रांड एम्बेसडर बनाना, गीले सूखे कचरे की प्रोसेसिंग, स्वच्छता चैम्पियनशिप, स्वच्छ वार्ड रैकिंग, सर्वेक्षण 2023 को लेकर आर्ट वर्क, हवा से डस्ट कम करना, सौंदर्यीकरण, स्लम बस्तियों में सोशल ग्रुप द्वारा सफाई अभियान चलाना, इनोवेशन, स्वच्छ टेकोलॉजी चैलेंज, स्वच्छता एप के माध्यम से शिकायतों का निपटारा करना शामिल रहेंगे।