'हार्मनी ऑफ पंचतत्व' रंगों के माध्यम से कैनवास पर पंचतत्व के सामंजस्य का दिखा स्वरुप

नईदिल्ली। बुधवार को ललित कला अकादमी में मशहूर चित्रकार मीनाक्षी अग्रवाल की पेंटिंग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस पेंटिंग प्रदर्शनी का थीम है 'हार्मनी ऑफ पंचतत्व'। यह प्रदर्शनी 4 अक्टूबर 10 अक्टूबर तक चलेगी। इस मौके पर उनके पति राजेश अग्रवाल भी उनके साथ मौजूद रहे। इस प्रदर्शनी को मीनाक्षी अपने पूर्वजों को समर्पित कर रही हैं और अपनी पेंटिंग के माध्यम से मीनाक्षी अग्रवाल ने अपने सास-ससुर को श्रद्धांजलि दी है। अपने पेंटिंग के माध्यम से मीनाक्षी ने मानवीय जीवन में पंचतत्वों के सामंजस्य और महत्व को समझाने की कोशिश की है। मीनाक्षी का कहना है कि चित्रकारी का शौक उन्हे बचपन से था।
रंगों और ब्रशों के माध्यम से जीवन के अनुभवों को प्रकृति से जोड़ कर अपनी भावनाओं को वो कैनवास पर उतरती हैं।“ वो मानती हैं कि मानव जीवन ब्रह्मांड के विशाल कैनवास पर एक छोटा सा वो पहलू है जिसकी मौजूदगी से दुनिया की संपूर्णता को महसूस किया जा सकता है। मीनाक्षी मानती हैं कि हम में ब्रह्मांड हैं और ब्रह्मांड में हम ऐसे में मानव अस्तित्व का हर पहलू अंततः प्रकृति की विशालता में समाहित होता है और प्रकृति पंच तत्व से घिरा हुआ है। जीवन पंचतत्व का सामंजस्य है अपनी पेंटिंग के माध्यम से मीनाक्षी इन्ही सवालों के जवाब तलाशती नजर आ रही हैं और प्रदर्शनी में मौजूद दर्शकों को कैनवास पर उकेरे गए रंग-बिरंगी जीवन की गहराइयाँ खूब भा रही हैं।