कई बार रामदास घाटी के हॉकर्स जोन में तांका-झांकी कर चुुके अधिकारी, आज भी सिर्फ पशुओं का डेरा
ग्वालियर। रामदास घाटी पर 20 लाख की लागत से बनाए गए हॉकर जोन में बाजार शुरू होने का इंतजार खत्म नहीं हुआ है। जोन को बनाते समय तय हुआ था इसमें 100 हाथ ठेले वालों को दुकानें दी जाएंगी, लेकिन प्लान सिर्फ कागजों तक सीमित है। यहां बाजार चालू कराने की योजनाएं कई बार बन चुकी हैं। हॉकर जोन के पास रहनेे वाले कहते हैं। जब से जोन बना है। कम से कम 6 बार नगर निगम के अधिकारी आकर यहां ताका झांकी कर चुके हैं। हर बार जोन की सफाई होती है। यहां जमा मिट्टी के ढेर को उठाकर बाजू की खदान में पटका जाता है। इसमें जोन को बनाने से ज्यादा पैसा तो खर्च हो ही चुका होगा, लेकिन बाजार चालू नहीं हुआ। आज हॉकर्स जोन की हालत यह है कि यहां पर सिर्फ आवारा मवेशियों का डेरा जमा हुआ है।
यह है हालात
- हॉकर जोन लावारिस हालत में इसलिए आवारागर्दी करने वालों का ठिकाना। दिन में जुआ खेलने वालों की जमात लगती है। रात में नशेडियों का अड्डा।
- लक्ष्मण तलैया घाटी से हॉकर जोन आने के मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण की वजह से रास्ता सकरा हो चुका है। सिर्फ रामदास घाटी से आने का रास्ता है जिससे चार पहिया वाहन हॉकर जोन तक आ सकते हैं।
- हॉकर जोन के सामने सुलभ शौचालय है, लेकिन उसमें भी नल कनेक्शन नहीं है।
- रामदास घाटी पर हॉकर जोन का संकेतक लगा है, लेकिन जंग लगने से उस पर लिखा हॉकर जोन मिट चुका है।
शहर में हॉकर्स जोन
1. नेहरू पार्क के पास कंपू क्रं 01
2. एसएएफ पेट्रोल पम्प के पास (महिला हॉकर्स जोन)
3. गोलपहाडिय़ा नेहरू पेट्रोल पम्प के आगे
4. पिन्टू पार्क तिराहा
5. लक्ष्मण तलैया के नीचे रामदास घाटी
6. इंटक मैदान हजीरा
7. मछली मंडी के पास गरम सडक़
8. सिंहपुर रोड घासमंडी
यह है हालात
हॉकर्स जोन में करीब 48 दुकानें लगाने लायक टीन शेड डाला गया है, लेकिन कई दुकानों के एक एक खंभे गायब हैं। तीन खंभो पर ही उनकी छत टिकी है। जोन में 100 दुकानों को चालू करने का योजना थी।लेकिन यहां पानी का इंतजाम नहीं हैं।
-मूलभूत सुविधाओं के इंतजाम नहीं होने से यहां पर ठेले वाले आना ही नहीं चाहते है।
-कई बार नगर निगम ने अभियान भी चलाया, लेकिन यह अभियान सफल नहीं हुआ।
-आज भी शिंंदे की छावनी की गलियों के पास ठेले वाले खड़़े रहते है, जिसके चलते शाम को जाम की स्थिति बनी रहती