स्वास्थ्य विभाग नहीं मंगा सका वीटीएम किटें

स्वास्थ्य विभाग नहीं मंगा सका वीटीएम किटें
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अब चिकित्सा महाविद्यालय से करेंगे मांग

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण को लेकर भले ही प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अभी भी नींद नहीं टूट रही है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग अलर्ट जारी होने के एक सप्ताह बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में जांच के लिए किटें तक उपलब्ध नहीं हैं। उधर अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय से किटे उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखने की बात कह रहा है।

दरअसल देश में कोरोना के नए वैरिएंट के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के निदेर्श दिए हैं। मगर आदेश की गंभीरता धरातल पर नजर नहीं आ रही है। मुरार जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, हजीरा, डबरा सिविल अस्पताल सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य किसी भी अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीज की जांच के लिए नमूना लेने में उपयोग होने वाली वीटीएम किट नहीं है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय से 500 किटें उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखने की बात कह रहा है। जबकि शासन स्तर से स्पष्ट निर्देश हैं कि किटें स्थानीय स्तर पर क्रय की जाए, उसके बाद भी अभी तक स्थानीय स्तर पर किट क्रय नहीं की गईं।

कोल्ड ओपीडी भी नहीं हो सकी शुरू

मौसम बदलने के साथ ही अस्पतालों में फ्लू के मरीज बढ़ गए हैं। यह एक सामान्य प्रकार का श्वसन संक्रमण है जो सर्दियों में होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद से वायरस के स्वभाव में बदलाव आया है। लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हुई है। यही कारण है कि अस्पतालों में इस रोग के मरीज बढ़े हैं। लेकिन किसी भी अस्पताल में अभी तक कोल्ड ओपीडी तक शुरू नहीं की गई है। चिकित्सकों का भी कहना है कि इस मौसम में नए वैरिएंट को लेकर लोगों में डर का माहौल है। साथ ही सर्दियों के मौसम में वायरल तेजी से फैलता है। लक्षण कोरोना की तरह होते हैं। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही फिर से कोरोना से संक्रमित कर सकती है। इस मौसम में हर व्यक्ति को वायरस के इंफेक्शन से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।

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