ग्वालियर उच्च न्यायालय में सिंधिया ट्रस्ट के खिलाफ लगी याचिका पर हुई सुनवाई

ग्वालियर उच्च न्यायालय में सिंधिया ट्रस्ट के खिलाफ लगी याचिका पर हुई सुनवाई
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ग्वालियर। प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्रस्ट के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता द्वारा मामले में केन्द्र शासन के साथ ही तत्कालीन एसडीएम को भी पार्टी बनाने की मांग की। अदालत ने आवेदन को रिकॉर्ड में ले लिया है। अब मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

बता दें की ऋषभ भदौरिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्रस्टों के नाम की गई संपत्तियों की जांच के लिए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने संपत्तियों को शासकीय बताते हुए जांच और संपत्तियों का नामांतरण निरस्त करने की मांग की है। आज हाईकोर्ट की युगल पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता द्वारा तर्क दिया कि आजादी के वक्त केंद्र शासन के साथ एक कोविनेंट साइन हुआ था, उसमें राजाओं ने अपने पास जो संपत्तियां रखी थीं, उन संपत्तियों का उल्लेख कोविनेंट था।सिंधिया रियासत के साथ भी एक कोविनेंट साइन हुआ था, इसलिए इस मामले में केंद्र शासन को इस मामले में पार्टी बनाया जाए।

प्रशासन ने सिंधिया के ट्रस्ट के नाम जो संपत्तियां की है, उनका उल्लेख कोविनेंट है या नहीं, इसका ब्योरा मंगवाने के लिए भी याचिकाकर्ता द्वारा मांग की गई, साथ ही पिछली कांग्रेस सरकार के समय नामांतरण करने वाले एसडीएम अनिल बनवारिया को भी इसमे में पार्टी बनाया जाए, क्योंकि उन्होंने महलगांव व ललितपुर हलके के सर्वे नंबरों का नामांतरण किया था। अनिल बनवारिया से भी जवाब मांगा जाए। सुनवाई की दौरान शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने अदालत से याचिकाकर्ता के आवेदन का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। अदालत ने याचिकाकर्ता के आवेदन को रिकॉर्ड पर ले लिया है और अतिरिक्त महाधिवकत्ता रघुवंशी को अपना जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। अब मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

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