त्यौहारों में होने वाली भीड़ से बचके रहे, नहीं तो अस्पताल में मनेगी दीवाली
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ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है और लोग बेखौफ घूम रहे हैं। प्रशासन ने भी सख्ती कम कर दी है। नतीजा शहर के बाजारों में आम दिनों की तरह चहल-पहल जारी है। सामाजिक दूरी का पालन करना भी लोग अब भूल चुकें हैं, यहां तक की कई लोग बाहर निकलते समय मास्क का भी उपयोग भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा दिन व दिन बढ़ते ही जा रहा है फिर भी लोग शहर में बेखौफ होकर घूम रहे हैं। लेकिन अगर बाजारों में यही स्थिति रही तो हर गुजरते दिन के साथ स्थिति और भी गंभीर होती जाएगी।
जिले में पहला कोरोना संक्रमण का मामला 24 मार्च को सामने आया था। शुरू में लोगों को लगा कि यह इतनी कोई गंभीर बात नहीं। लेकिन उसके बाद देखते ही देखते इस महामारी का प्रकोप ऐसा फैला कि जिले में संक्रमितों का आंकड़ा साढ़े ग्यारह हजार के पार पहुंच गया और 200 से अधिक जिंदगियां कोरोना की भेंट चढ़ गईं। जो लोग अब तक इस बीमारी से बचे हुए हैं वे सब भी निशाने पर हैं। कोई नहीं बता सकता कि कब, कौन, कहां इसकी चपेट में आ जाए। चिकित्सकों का कहना है कि अगर आने वाले त्यौहारों में सावधानी नहीं बरती गई तो अकेले ग्वालियर में ही प्रतिदिन 250 से 300 के बीच नए संक्रमित सामने आएंगे।
मृत्यु दर में भी होगा इजाफा
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों का कहना है कि अगर त्यौहारों में यही स्थिति रही तो कोरोना संक्रमित के नए मामले तो सामने आएंगे ही साथ ही मृत्यु दर भी तेजी से बढ़ेगी। इसलिए लोग अपनी सुरक्षा खुद ही करें। इधर बाजारों में जो लोग मास्क लगा कर भी जा रहे हैं तो मास्क उनके गले में लगा रहता है। लोग बाजार में पहुंचते ही मास्क से नाक-मुंह को ढंकने की जगह गले पर लगा लेते हैं।
बाजारा में नहीं कोई भय
इधर बाजारों की बात करें तो कोरोना से पहले जिस तरह बाजारों में भीड़-भाड़ और चहल पहल होती थी। उसी तरह इन दिनों शहर के बड़े बाजारों में देखी जा रही है। इतना ही नहीं बाजारों की स्थिति देखकर अब ऐसा लग रहा है कि कोरोना कभी आया ही नहीं था।
घर पर ही करें पूजा, बाजार में जाने से बचें
चिकित्सकों का कहना है कि त्यौहारों में लोगों अपने घर पर या अपने घर के पास किसी मंदिर पर पूजा करनी चाहिए। साथ ही त्यौयार बिना नए कपड़ों और सामानों के ही मनाएं। बाजार सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगह हैं। मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने के बावजूद वहां संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इर बार अपनी जरूरतों की सूची छोटी रखें, जो भी जरूरत के सामान हों ऑनलाइन ही मंगाएं। क्योंकि कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं मिला है, कोई दवा भी नहीं है। आपका मजबूत स्वास्थ्य और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बचाव का एकमात्र उपाय है।
जागरुकता को लेकर कोई प्रचार-प्रसार नहीं
इतना ही नहीं जिले में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए भी अब कोई भी जागरुकता कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी इससे बचने के लिए लोगों को सीधे व्यवहारिक रूप से आह्वान कर रहा है। अब सब कुछ राम भरोसे चल रहा है। इस कारण ही अब शहर के चारों ओर लोग अपने काम-धंधे में जुट गए हैं। बाजार, अस्पताल और अन्य भीड़ वाली जगहों पर देर शाम तक चहल-पहल बढ़ रही है। लोग भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। सामुदायिक संक्रमण की स्थिति बनने की शुरुआत भी हो चुकी है। ऐसे में कोरोना के प्रति इस लापरवाही का परिणाम घातक हो सकता है।