तीन माह में तैयार नहीं हुआ टर्सरी कैंसर केयर सेन्टर तो वजट होगा लैप्स

तीन माह में तैयार नहीं हुआ टर्सरी कैंसर केयर सेन्टर तो वजट होगा लैप्स
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मामला जयारोग्य चिकित्सालय का, शासन स्तर पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई

ग्वालियर, न.सं.। अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय समूह में ग्वालियर के अलावा आस-पास के जिलों के बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। इसमें से कई कैंसर पीडि़त भी होते हैं, लेकिन कैंसर की बेहतर सुविधा न होने के कारण कई मरीजों को उपचार के लिए दिल्ली व मुम्बई जैसे बड़े शहरों में परेशान न होना पड़े। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में टर्सरी कैंसर केयर सेन्टर तैयार किया जा रहा है। लेकिन शासन स्तर पर हो रही अंदेखी के कारण पांच वर्ष में भी सेन्टर तैयार नहीं हो सका और अब सेन्टर के लिए आया वजट भी लैप्स होने की कगार पर है।

दरअसल केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से जयारोग्य अस्पताल में दिल्ली-मुम्बई की तर्ज पर टर्सरी कैंसर केयर सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है। उक्त प्रोजेक्ट की लागत 42 करोड़ है, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा दिया गया है। इसमें सात करोड़ की लागत से भवन का निर्माण होना है। लेकिन वर्ष 2018 से शुरू हुआ निर्माण कार्य आज दिन तक पूरा नहीं हो सका, जिसका काम भी पूरा हो चुका है। जबकि उपकरणों की खरीदी शासन स्तर से ही की जानी है, लेकिन उपकरणों की खरीदी में शासन स्तर से कोई रूची नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में

अगर मार्च 2024 तक सेन्टर को शुरू नहीं किया गया तो वजट भी लैप्स हो जाएगा और कैंसर पीडि़तों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।

2020 में होना था शुरू

टर्सरी कैंसर केयर सेन्टर का निर्माण कार्य सहित उपकरण खरीदी कर वर्ष 2020 में शुरू किया जाना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका था। जबकि अब भवन का निर्माण पूरा हो चुका है और सम्भवत: अगले माह तक अस्पताल प्रबंधन को भवन हेण्ड ओवर भी कर दिया जाएगा।

दो बार पूर्व में भी हो चुका है वजट लैप्स

समय पर टर्सरी कैंसर सेन्टर का निर्माण कार्य न होने और उपकरणों की खरीदी न किए जाने के कारण पूर्व में भी दो बार वजट लैप्स हो चुका है। लेकिन गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा लिखे गए पत्र पर फिर से वजट स्वीकृत किया गया है।

यह होंगे अत्याधुनिक उपकरण

* टर्सरी कैंसर केयर यूनिट में लाइनर एक्सेलेटर मशीन लगाई जाएगी, जिसमें कैंसर के मरीजों की बेहतर शिकाई होगी।

* हाई कैपेसिटी सीटी सिम्यूलेटर मशीन से मरीजों के आंतरिक अंगों का परीक्षा किया जा सकेगा। इसके साथ ही इस मशीन से यह भी देखा जा सकेगा कि मरीज के किस हिस्से में शिकाई होना है।

* ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम इस उपकरण से कैंसर रोगी को शिकाई के दौरान दिए जाने वाले डोज को कैलकूलेट किया जाएगा।

* पैट सीटी स्कैन मशीन से कैंसर मरीज की एमआरआई जैसी जांच की जाएगीए लेकिन यह जांच एमआरआई से भी ज्यादा आधुनिक होगी और इसमें मरीज की बीमारी बहुत आसानी से दिखेगी।

भवन का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अब फिनिसिंग का काम बचा है। इसलिए पीडब्ल्यूडी विभाग को जल्द से जल्द निर्माण पूरा कर भवन हेण्डओवर करने की बात कही गई है। लेकिन उपकरणों की खरीदी शासन स्तर पर ही की जानी है।

डॉ. अक्षय निगम

अधिष्ठाता, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय

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