इमरती देवी का फिर छलका चुनाव में हार का दर्द, पंडोखर सरकार से पूछा धोखेबाज का नाम, मिला ये...जवाब
ग्वालियर। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक एवं पूर्व मंत्री इमरती देवी ग्वालियर की डबरा विधानसभा सीट से उपचुनाव में हार गई थीं। उनका यह दर्द छलकता रहता है। हार का दर्द कई बार इमरती देवी ने खुद मंच से बयां किया है। इमरती देवी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उपचुनाव में मिली हार का उनका दर्द एक बार फिर छलका है। इस बार उन्होंने ग्वालियर के हरिशंकरपुरम में भागवत कथा के दौरान गुरुशरण महाराज उर्फ पंडोखर सरकार से पूछा कि वे चुनाव कैसे हार गईं। उनको चुनाव किसने हरवाया।
इस पर पंडोखर सरकार ने जवाब दिया कि आपकी वर्तमान पार्टी के किसी व्यक्ति ने चुनाव हरवाया है। अब यह व्यक्ति कोई भी हो सकता है। नाम उनको पता है, लेकिन वह उसे ओपन में नहीं बताएंगे। उस व्यक्ति का नाम जब डबरा में पंडोखर सरकार आएंगे, तब बताया जाएगा। पंडोखर सरकार के खुलासे के बाद एक बार फिर इमरती की हार चर्चा में है। इमरती देवी शुक्रवार को ग्वालियर के हरिशंकरपुरम में जयाकुमारी की श्रीमद भागवत कथा में पहुंची थी। कथा में पंडोखर सरकार का पहुंचना हुआ, इसी दौरान इमरती देवी ने मंच पर पहुंचकर पंडोखर सरकार से आशीर्वाद लिया और अपने दो सवाल पूछे। इमरती देवी सवाल पूछतीं इससे पहले ही ने पंडोखर सरकार ने कागज पर जवाब लिख लिए। उनके सवाल करते ही उन्होंने जवाब दे दिया।
इमरती देवी ने पूछा कि मैं साफ राजनीति करती हूं, इसके बाद भी कौन मेरे पीछे पड़ा है। मुझे चुनाव किसने हरवाया?इसके जवाब में पंडोखर सरकार ने बताया कि उन्हें उनकी वर्तमान पार्टी के ही एक नेता ने हराया है। लेकिन वे उसका अभी नाम नहीं बताएंगे। वे उसका नाम डबरा में होने वाले कार्यक्रम में बताएंगे। साथ ही पंडोखर सरकार ने कहा कि उनका राजनीतिक भविष्य काफी अच्छा होगा और उसमें विस्तार होगा। यही वजह है कि चुनाव हारने के बाद भी सरकार ने उन्हें निगम का अध्यक्ष बनाया है और मंत्री का दर्जा दिया है।इमरती देवी ने दूसरा सवाल किया उनकी नातिन तीन साल की हो गई है, लेकिन अभी तक बोल नहीं पाती है? इस पर पंडोखर सरकार ने कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। ले आना वह बोलने लगेगी। पंडोखर सरकार के दरबार में इमरती देवी के सवाल पूछे जाने का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष हैं इमरती देवी
इमरती देवी की हार के बाद भी भाजपा ने उन्हें तवज्जों दी। सिंधिया की कट्टर समर्थक होने का उन्हें फायदा मिला, उन्हें निगम मंडल में अध्यक्ष पद दिया गया। इमरती देवी को मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष बनाया गया।
उपचुनाव में मिली थी हार -
गौरतलब है कि इमरती देवी 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर की डबरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीती थी। साल 2020 में वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गई। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया के साथ भाजपा में गए 22 विधायकों ने एक साथ इस्तीफे दिए थे। इसके बाद इसी साल एक साथ 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे। डबरा सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरी इमरती देवी का मुकाबला उनके समझी और कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे से था। इस चुनाव में कांग्रेस के सुरेश राजे ने इमरती देवी को 7568 वोटों से हरा दिया था।