डबरा से हारी इमरती की टीम

डबरा से हारी इमरती की टीम
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कांग्रेस और भाजपा दोनों से लड़ी, हार के लिए संगठन के पदाधिकारी जिम्मेदार

ग्वालियर। कभी डबरा विधानसभा में वरिष्ठ नेत्री इमरती देवी के इर्द-गिर्द कोई प्रत्याशी नहीं टिक पाता था। और तो और वर्ष 2018 के चुनाव में उन्होंने 60 हजार से भी अधिक मतों से भाजपा प्रत्याशी को हराया था। दिन बदलते देर नहीं लगती क्योंकि अब वह लगातार दो चुनाव हार बैठी हैं। हार का ठीकरा उन्होंने सीधे भाजपा के स्थानीय संगठन पर फोड़ते हुए कहा कि वह जितना कांग्रेस से लड़ी उतना ही भाजपा से भी।

तीन बार की विधायक एवं पूर्व मंत्री इमरती देवी से स्वदेश ने विस्तार से चर्चा की है।

सवाल: हार के क्या कारण रहे ?

जवाब: जनता ने हमारा पूरा साथ देकय 83 हजार मत दिए, जो पिछली बार से 14 हजार अधिक हैं, मात्र 1800 मतों की कमी रह गई यदि 900 मत और आ जाते तो सीट निकल जाती।

सवाल: आखिर कमी कहां रह गई, भाजपा ने साथ दिया कि नहीं?

जवाब: भाजपा के लोगों ने ही मुझे हराने का काम किया। जितना मैं कांग्रेस से लड़ी उतना ही भाजपा से भी। क्षेत्र में भाजपा के लोगों ने नारा दिया कि इमरती को हराओगे तो अच्छा प्रमोशन होगा।

सवाल: हार के लिए भाजपा संगठन के किन लोगों को जिम्मेदार मानती हैं ?

जवाब: मेरे खिलाफ तो भाजपा जिला अध्यक्ष से लेकर दोनों महामंत्री, तीन मंडल अध्यक्ष सहित मंत्री जी के सभी लोग लगे रहे। चूंकि पिछले चुनाव में भी इन्ही लोगों ने हरवाने का कार्य किया था इसलिए प्रदेश संगठन स्तर पर सभी को बता दिया था। जिसमें यह भी कहा था कि इन्हें महामंत्री मत बनाओ फिर भी उन्हें ही महामंत्री बना दिया गया। यह लोग छुट्टा गाडिय़ों में घूमकर मेरे खिलाफ प्रचार अभियान चला रहे थे।

सवाल: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात हो गई क्या?

जवाब: हां आज ही मैंने नई दिल्ली में श्रीमंत सिंधिया जी से मुलाकात की और उन्हें सारी जानकारी दे दी है। मैंने फोटो इसलिए नहीं खिंचवाया क्योंकि हार गई हूं, जीतती तो गुलदस्ता देते हुए फोटो जरूर खिंचवाती।

राजीव अग्रवाल

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