ट्रेन में बिरयानी खरीद रहे हैं तो जरा संभलकर रहे
ग्वालियर,न.सं.। लॉकडाउन के बाद रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। लेकिन लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्रीकार के मैनेजर यात्रियों के पैक खाने की जगह खुले में बिरयानी व ऑमलेट बनाकर बेच रहे हैं। बिरयानी में कर्मचरियों द्वारा बिना ग्लब्स व मास्क पहने बनाई जा रही है। जिससे रेलवे यात्रियों को अब संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है।
ग्वालियर से गुजरने वाली मंगला एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस व सचखंड एक्सप्रेस की जांच ग्वालियर में पदस्थ कैटरिंग इंस्पेक्टर अनुज श्रीवास्तव के अलावा आईआरसीटी के सुपरवाइजर यूनुस अहमद करते हंै। लेकिन इन दोनों की मेहरबानी से पेंट्रीकार में जांच तो जरुर की जाती है, लेकिन सिर्फ नाम के लिए। इन टे्रनों की पेंट्रीकार में ग्वालियर से ही घटिया खाद्य सामग्री चढ़ाई जाती है। वहीं कीमत भी अधिक वसूली जा रही है। इसे लेकर रेलवे का संबंधित विभाग खानापूर्ति कर रहा है। जांच के नाम पर कभी कभार ही अधिकारी चेंबर छोड़ रहे हैं।
यदि भोजन से बीमार हो गया तो कौन होगा जिम्मेदार
वेंडर बिान मास्क के यात्रियों को बिरयानी बेच रहे हैं। यदि इनके खाने से यात्री बीमार हो जाते हैं तो आरोप रेलवे पर लगेंगे। क्योंकि इनके खाने की गुणवत्ता चेक करने वाला कोई नहीं है। जिनके ऊपर जिम्मेदारी है वह अपनी जेब मर्ग कर आंखों को बंद कर लेते हैं।
पेंट्रीकार में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
नई दिल्ली से आने वाली ट्रेने जब ग्वालियर स्टेशन पर पहुंचती है तो आईआरसीटीसी के जिम्मेदार यूनुस अहमद ट्रेन में जांच के लिए जाते हैं इतना ही नहीं वेंडर के मेडिकल कार्ड के साथ-साथ सामान को भी जब्त कर लेते हैं। लेकिन मैनेजर की मेहरबानी से वह कार्रवाई नहीं करते हैं और पूरा सामना वापस ट्रेन की पेंट्रीकार में चढ़ा यिा जाता है।
इनका कहना है
बिना मास्क लगाकर अगर कोई वेंडर सामान बेच रहा है तो गलत है। ट्रेनों की पेंट्रीकार में भी सिर्फ पैक सामग्री बेचने के निर्देश हैं। अगर ऐसा होता है तो सबंधित से चर्चा की जाएगी।
मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी