प्रशासन की गाइड-लाइन आने के बाद ही मनेगी जन्माष्टमी

प्रशासन की गाइड-लाइन आने के बाद ही मनेगी जन्माष्टमी
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मंदिर प्रबंधन ने की अपनी तैयारी

ग्वालियर, न.सं.। त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन पूरे शहर में अलग ही धूम होती है। मंदिरों में जहां आकर्षक सजावट होती है। वहीं भक्तों को माखन मिश्री भी बांटी जाती है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण जन्माष्टमी का त्यौहार भी फीका होता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रशासन द्वारा जारी होने वाली गाइड-लाइन के आधार पर ही जन्माष्टमी किस ढंग से मनाई जाएगी तय किया जाएगा। अन्यथा शहर के मंदिर सूने दिखाई देंगे और मुख्य द्वार भक्तों के लिए बंद रहेंगे।

श्री सनातन धर्म मंदिर के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि अभी प्रशासन की तरफ से कोई गाइड-लाइन नहीं आई है। गाइड-लाइन आने के बाद ही तय किया जाएगा कि इस बार जन्माष्टमी मनाई जाएगी भी या नहीं। श्री मित्तल ने कहा कि अगर प्रशासन जन्माष्टमी पर मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद करता है तो भगवान के पट खुले रहेंगे और मुख्य द्वार को बंद कर दिया जाएगा। भक्त बाहर से ही भगवान के दर्शन कर सकेंगे। जन्माष्टमी पर मंदिरों पर आकर्षक विद्युत सजावट एवं फूल बंगला सजाया जाएगा। रात्रि में दो या तीन लोगों की उपस्थिति में भगवान का जन्म कराया जाएगा। श्री राम मंदिर के अध्यक्ष रामनिवास अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन की मंशा के अनुसार ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। मंदिर पर सजावट आदि सब कुछ होगी लेकिन भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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