कल घर-घर में होगा श्रीकृष्ण का जन्म, बेशकीमती गहनों से सजेंगे राधा -गोपाल
ग्वालियर। कान्हा का नाम आते ही उनके बाल स्वरूप की लीलाएं और गोपियों के साथ की यादें ताजी हो जाती हैं और मन को आकर्षित करती हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म 30 अगस्त की मध्य रात्रि को स्थिर योग सोमवार रोहिणी नक्षत्र वृषभ (उच्च) राशि के चन्द्रमा के संयोग में होगा। वहीं जन्माष्टमी के त्यौहार को लेकर शहर के मंदिर आकर्षक विद्युत से जगमगा उठे हैं। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण का आकर्षक श्रंगार भी किया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अधिकांश योग श्रीकृष्ण के जन्म के समय जैसे हैं। बुध ग्रह अपनी कन्या राशि में, सूर्य अपनी सिंह राशि में और चन्द्रमा अपनी उच्च वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र सोमवार अष्टमी तिथि आदि संयोग इस बार बने हैं जो व्रतार्थी की मनोकामना पूर्ण करने बाले और सुख-शांति देने बाले हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अष्टमी तिथि 30 अगस्त को रात में 1.59 मिनट तक रहेगी। इस हिसाब से व्रत के लिए उदया तिथि को मानते हुए 30 अगस्त को जन्माष्टमी होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात को 11.59 से 12.44 बजे तक रहेगा। कुल पूजा का समय 45 मिनिट रहेगा।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व-
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन पूजा-अर्चना करने से नि:संतान दंपत्तियों को भी संतान की प्राप्ति हो जाती है। साथ ही शनि, राहु व केतु की पीड़ा भी शांत होती है।
फेसबुक पेज पर ऑनलाइन दर्शन -
श्री कृष्ण जन्माष्ठमी महोत्सव फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पर 30 अगस्त को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर लीं गई हैं तथा जन्माष्ठमी के अवसर पर भगवान श्रीराधाकृष्ण को बेशकीमती गहनों से सजाया जाएगा। लेकिन भक्तों को इस बार भौतिक दर्शन नहीं होंगे। पूजा अर्चना के उपरांत दोपहर 12 बजे बाद नगर निगम के फेसबुक पेज पर ऑनलाइन अपने घर से ही एवं मंदिर के बाहर एलईडी के माध्यम से आमजन भगवान श्री राधा कृष्ण के मनोहारी रूप के दर्शन कर सकेंगे।
दो क्विंटल पंजीरी और तीन क्विंटल माखन मिश्री का भोग बंटेगा -
श्री सनातन धर्म मन्दिर में जन्माष्टमी महोत्सव 30 अगस्त सोमवार को एवं नन्दोत्सव 31 अगस्त मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। 30 अगस्त को जन्माष्टमी पर प्रात: भगवान श्री चक्रधर एवं श्री गिरिराजधरण का पंचामृत से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूर्ण विधि विधान से अभिषेक संपन्न होगा। सांयकाल में सभी भक्त कतारबद्ध होकर भगवान के दर्शन करेंगे। सभी भक्तों को सिंघाड़े की पंजीरी, माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया जाएगा। इसके लिए मन्दिर समिति द्वारा लगभग 2 क्विंटल पंजीरी एवं 3 क्विंटल माखनमिश्री का भोग तैयार किया जा रहा है। रात्रि 11.30 बजे भगवान के पट लगा दिए जाएंगेे तथा 12 बजे आनन्दकन्द ब्रजचंद्र यशोदानंदन श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ ही पट खोल दिए जाएंगे। इसी क्रम में 31 अगस्त मंगलवार को नंदोत्सव होगा जिसमें महिला भक्तों द्वारा बधाई गान, 56भोग के दर्शन होंगे।
बाजारों में बढ़ी खरीदारी-
जन्माष्टमी त्यौहार को लेकर रविवार के दिन बाजारों में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली। इस लोगों ने भगवान की पोशाक, पालने और राखी आदि खरीदे। साथ ही मेवा आदि की दुकानों पर भी लोगों की अच्छी-खासी भीड़ रही।