मंदिर और घरों में कल मनेगी जन्माष्टमी, नहीं होंगे बड़े आयोजन

मंदिर और घरों में कल मनेगी जन्माष्टमी, नहीं होंगे बड़े आयोजन
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भक्तों का मंदिर में वर्जित रहेगा प्रवेश, नहीं बटेगा प्रसाद

ग्वालियर, न.सं.। जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव के रूप मेें मनाया जाता है। जन्माष्टमी का यह त्यौहार श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर, श्री सनातन धर्म मंदिर, राम मंदिर और घरों में 12 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार जन्माष्टमी के दिन मंदिरों पर भक्तों का प्रवेश पूर्ण रूप से बंद रहेगा। इस दौरान मंदिरों पर प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार 11 अगस्त को शेव मत (भगवान शिव को मानने वाले) के लोग एवं 12 अगस्त को वैष्णो मत (भगवान विष्णु को मानने वाले) के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जन्माष्टमी पर ग्रह स्थिति के अनुसार उपवास करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जन्माष्टमी पर पंचामृत से भगवान का स्नान कराने के बाद पंचामृत ग्रहण करने से ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे बुद्धिमानी और ज्ञानी होंगे।

एलईडी से होंगे दर्शन

श्री सनातन धर्म मंदिर पर जन्माष्टमी का उत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन हजारों लोग भगवान के दर्शन करने और जन्म मनाने के लिए मंदिर पर आते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस बार मंदिरों में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा। मंदिर के बाहर एलईडी लगाई जाएंगी, जिससे लोग भगवान श्री कृष्ण के दर्शन बाहर से ही कर सकेंगे। मंदिर पर आकर्षक विद्युत सजावट के साथ फूल बंगला भी सजाया जाएगा। मंदिर में माखन मिश्री आदि प्रसाद का वितरण नहीं होगा। श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के सचिव भुवनेश्वर वाजपेयी ने कहा कि मंदिर पर जन्माष्टमी 12 अगस्त को सामान्य ढंग से मनाई जाएगी। श्री राम मंदिर के अध्यक्ष रामनिवास अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में भक्तों का प्रवेश नहीं होगा। पुजारी सुबह भगवान का अभिषेक करेंगे। शाम के समय पुजारी और पदाधिकारियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कराया जाएगा।

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